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---निमितशास्त्रम---
यदि चन्द्रमा की किनारी दक्षिणदिशा की ओर ऊँची हो, तो वह आरोग्य, समाज किनारी होने पर संपत्ति, सपाट किनारी होने पर (दण्ड र के समान दिखाई देने पर) दण्ड और धनुषाकार दिखने पर सम को संसूचित करता है।
समचलणो समवण्णं भयं च पीडं तहा णिवेदेहि।
लक्खारसपायासो कुणइ भयं सव्वदेसेसु ॥ ३७।। अर्थ :
समवर्ण वाला समान चन्द्रमा भय और हानिकारक है तथा लान । के समान वर्ण वाला चन्द्रमा सम्पूर्ण देश में भय की सूचना देता है।
विप्पाणं देइ भयं वाहिरण्णो तहा णिवेदेई। पीलो खत्तियणासं धूसरवण्णो य वयसाणं॥३८॥ अर्थ :
चन्द्रमा यदि रक्तवर्ण वाला हो तो ब्राह्मणों को भय उत्पन्न । ॐ करेगा । चन्द्रमा पीतवर्ण का होने पर क्षत्रियों को भय उत्पन्न करेगा।
और चन्द्रमा धूसर वर्ण का होने पर वैश्यवर्ण वालों को भय उत्पन्न
करेगा।
किण्णो सुद्द विणासो चित्तलवण्णो य हणइ पयईऊ।
दहिखीरसंखवण्णो सव्वम्हि य पाहिदो चंदो॥३९॥ अर्थ :
चन्द्रमा कृष्ण नजर आवे तो वह शुद्रों का विनाश करता है। चित्रलवर्ण वाला, दही, रखीर या शरव वर्ण वाला चन्द्रमा समस्त दूधार पशुओं का नाश करता है।
रिक्खम्मि पास वछहरो रोहिणिमज्जे पयदये चंदो। ___ सो कुणइ पयविणासं पंचममासे ण संदेहो॥४०॥