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निर्मितशास्त्रम्)
सूर्य प्रकरण
सूरोय उथव्वमणो स्तुप्पलवण्णहोव्व दीसिज्ज । सो कुणइ रायमरणं मंत्तीपुत्तं विणासेई ॥७॥
अर्थ :
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सूर्योदय के समय यदि सभी दिशायें मूंगे के समान लाल वर्ण की हो जावें तो उस देश का राजा अथवा मन्त्रीपुत्र मरण को प्राप्त होगा ऐसा जानना चाहिये ।
ससलोहिवण्णहोवरि संकुण इत्ति होइ णायव्वो । संगामं पुण घोरं खग्गं सूरो गिवेदेई |cli
अर्थ :
सूर्योदय के समय दिशायें यदि माणिकमणि के समान वर्ण वाली अथवा रक्त के समान वर्ण वाली हो जाय तो वहाँ घोर युद्ध होगा तथा 'खूब तलवारें चलेगी ऐसा जानना चाहिये ।
हेमंतम्मिय उण्णं गिम्हे सीयं पमुच्चए सूरो ।
लोयस्स वाहि मरणं काले कालं ण संदेहो ॥ ९ ॥ अर्थ :
यदि हेमन्त ऋतु में सूर्य से गर्मी और ग्रीष्मकाल में सूर्य से सर्दी निकले तो मनुष्य बार-बार बीमारियों से मरेंगे। इसमें किसीप्रकार का सन्देह नहीं करना चाहिये ।
उदयच्छमणो सूरो अग्गिफुलिंगेव णाय मुच्चंतो। दीसिज्ज जम्हि देसे तम्हि विणासो णिवेदेदि ॥१०॥ अर्थ :
यदि सूर्योदय अथवा सूर्यास्त के समय जिस देश में ऐसा ज्ञात