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________________ महाराधना आचामा मानभिन्नाश्च न गुभिस्तत्परिकर्मण्यधिक्रियन्ते इति प्रत्ययिताः प्रत्याख्यानक्रमक्षाश्वेत्युच्यते । एवमुत्तरसूत्रेऽपि पदसाफल्यं चित्यम् । परिचारकोंका लक्षण दो गाथाओंसे आचार्य कहते हैं अर्थ--जिनका धर्मपर गाद प्रेम है और जो स्वयं धर्म में स्थिर है. संसारसे और पापसे जो हमेशा भययुक्त हैं. धैर्यवान और क्षपकके अभिप्रायको जाननेवाले, प्रत्याख्यानके ज्ञाता ऐसे परिचारक क्षपककी शुधपा करने योग्य माने गये हैं. धर्म अर्थान चारित्र. जो यति स्वयं चारित्रपर प्रेम करते हैं वे क्षपकको भी उसके पालने में उत्साहित करेंगे और उसको मदत करेंगे. सम्यग्दृष्टि होनेसे चारित्र में वे केवल प्रेम ही करते हैं और चारित्रमो. इनीय कर्मके उदयसे उनका नारित्र शिथिल होगा एसी शंकाका निरसन करने के लिये 'दिढधम्मा' यह विशेषण है, अर्थात परिचारक जो चारित्रपर प्रेम करते है वैसे वे उसमें दृड भी रहते हैं, जिनका चारित्र रद होता नहीं घे असंयमा रमाग करनेमें असमय होता है, परिचारक गरी सबसे भययुक्त है अतः वे असंयमका त्याग करते हैं. नाना प्रकार के दुःखोंका निधानभूत ऐसे चतुतिके भ्रमण से वे व्याकुल होगये है इसलिये वे संसारभीक बने हैं. परिपहों को वे सहन करते हैं. जो परीषहोंमे पराजित होते हैं चे संयम पालनेमें असमर्थ देखे जाते हैं. जो क्षपत के बिना कहे भी मनके अभिप्राय जानते हैं वे ही वैयावृत्य कर सकते हैं. परंतु जिनमें अभिमाय जाननेका सामर्थ्य नहीं है वे चैयावृत्य नहीं कर सकेंगे ऐसा अभिप्राय 'छंदण्ड' इस पदसे प्राचार्य ने व्यक्त किया है. जिनको साकार और निराकार प्रत्याख्यान का क्रम ज्ञात नहीं है और जिन्होंने पूर्व में कभा क्षपरका यावृत्त्य किया नहीं है ऐसे मुनि अभिप्राय जाननेवाले हो तो भी उनको आचार्य परिचारकके कार्य में नियुक्त नहीं करते हैं. इसलिये परिचारक प्रत्ययित अर्थात् अनेकवार क्षपक की सेवा जिन्होंने की है अर्थात् जो अनुभवी है ऐसे होने चाहिये. AA .कप्पाकप्पे कुसला समाधिकरणुज्जदा सुदरहस्सा ॥ गीदत्था भययंता अडदालीसं तु णिज्जवया ॥ ६१८ ॥ प्रत्पाख्यानविदो धीराः समाधानमियोद्यताः ।। पटूताडिताष्टसंख्याना ग्राखा निर्यापकाः पराः ।। ६७४ ॥ ८५७
SR No.090289
Book TitleMularadhna
Original Sutra AuthorShivkoti Acharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1890
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Philosophy, & Religion
File Size48 MB
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