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भूलाराधना
आश्वासः
अर्थ-हाके पावोंसे कुचलाना, चेडी, संखल. चर्मकी वादी और दोरी इनसे बांधना, हाथ पीठके तरफ बांधना, कंठको पाशबद्ध कर शाखापर लटकाना, गले में फेककर ऊपर मट्टी डालकर बंद कर देना इत्यादि दुःख भोग थे.
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करणोसीसणासाछेदणदंताण भंजणं चेव ।। उप्पाडणं च अच्छीण तहा जिब्भायणीहरणं ।। १५९५॥ जिह्वाकर्णोष्ठनासाक्षिपाणिपादाविकर्तने ।
शीतवासातपोवन्याभक्षादिकर्थने ॥ १६५८ ॥ विजयोथा-कपणांसोसणासाठवण कर्णयोरोष्टः, शिरसो, नासिकायाश्च छेदः । ताण भंजणं चेच वताना भंजमं । उप्पाडण म अच्छीण भक्ष्णीमत्पारनं, तथा जिम्भाव. णीहरण जिलानिहरणं ॥
मूलारा--हरणं निष्काशनं ।
अर्थ-कर्णकछद करना, होठोंको छेदना, नाकको काटना, मस्तक तोडना, दांत गिराना, आंख निकालना, फोहना, जीभ निकालना अर्थात् मुंहमसे जीभ बाहर खीचना इत्यादि दुःख प्राप्त हुए थे.
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अग्गिविससत्तुसम्पादिवालसत्थाभिधाद्घादेहिं ।।
सीदुण्हरोगदसमसएहि तण्णा हादीटिं ॥ १५९६ ।। विजयोदया-अगिविससमप्पादियान्टसस्थाभिमादधादहि, अप्रविपस्य, शां. सदर्यालमृगाणा, शस्त्र महारच घातः । सीडहरोगदंसमसहिं शीतोगन, शमशः, तण्णादुद्दावीहि हदक्षुधादिभिः ।
मूलारा-सप्पादि सर्पवृश्चिककुक्कुरगोमहिषादयः । पाल व्याघ्रसिहादयः ।।
अर्थ-अग्नि, विष, शत्रु, सर्प, क्रूर माणी, और शस्त्रप्रहार इनसे भी अनंत पार दुःख प्राप्त हुआ था. शीतसे, उष्णसे, रोगोंसे, देशमशकोसे अनंत वार दुःख प्राप्त हुए थे.
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