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ध्यानादि अधिकार
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इस समाधिमरणका वर्णन करने में चालीस अधिकार कहे-अई, लिंग, शिक्षा, विनय, समाधि, अनियत विहार, परिणाम, उपधित्याग, श्रिति, भावना, सल्लेखना, दिशा, क्षरण, अनुशिष्टि, परगणचर्या, मार्गणा, सुस्थित, उपसर्पण, निरूपण, प्रतिलेख, पृच्छा, एकसंग्रह, आलोचना, गुणदोष, शय्या, संस्तर, निर्यापक प्रकाशन, हानि, प्रत्याख्यान, क्षापण, क्षपणा, अनुशिष्टि, सारणा, कवच, समता, ध्यान, लेश्या, फल,
आराधक त्याग ।
इन अधिकारों में प्रायः यह ग्रंथ विभक्त है ।