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________________ ध्यानादि अधिका ऊधः सत्रिलोकस्था द्रव्यपर्याय संस्थितीः । विचितयत्यनुप्रेक्षास्तवानुगतो प्रभु वाशरणंकान्यजन्मलोकविसूचिकाः आस्रव: यतिः ।।१७६६॥ संवरश्विन्त्यो निर्जराधर्मबोधयः ।। १८००॥ [ ५२३ असमय में कर्मो का फल देना । उपशम- कारण विशेषसे कर्मकी उदीरणा नहीं हो सकना दबा रहना । अपकर्षण- कर्मो को स्थिति घट जाना । उत्कर्षण - कर्मोकी स्थिति बढ़ जाना | निघत्ति - उदीरणा और संक्रमण जिसमें न हो सके वह कर्म निधत्ति कहलाता है । निकाचित- उदीरणा, संक्रमण, अपकर्षण और उत्कर्षण ये चारों जिसमें नहीं हो सके इन सब विषयोंका विशेष वर्णन, कर्मकाण्ड आदिमें है । इसप्रकार कर्मोके नाना अवस्था विशेषोंका विचार करना विपाक विचय धर्म्यध्यान है । संस्थान विचयधयंध्यानका स्वरूप ऊर्ध्वलोक, अधोलोक और मध्यलोक इसतरह तोन प्रकारके लोकमें स्थित जीवादि द्रव्य तथा उन द्रव्योंको स्वभाव विभाव पर्यायें जन पर्यायोंकी काल मर्यादा आदि का चितवन करना संस्थान विचय धर्म्यध्यान है । इस ध्यान में स्थित मुनिराज बारह भावनाओं का भी चिंतन करते हैं अर्थात् अनित्य आदि बारह भावनाओं का चिंतन इसी संस्थान विचय ध्यान में आता है ।। १७६६ ।। विशेषार्थ - अधोलोक क्षेत्रासन के आकारका है, मध्यलोक झालरीके आकारका और ऊर्ध्व लोक मृदंग आकारका है । उनमें क्रमशः नारकी, मनुष्य, पशु, पक्षी आदि तिर्यंच और देव रहते हैं। तीन भेद वाले इस लोकाकाशमें मध्य भाग में बस स्थावर जीवोंके निवास स्थान भूत अस नाली है, त्रस जीव केवल इसी में रहते हैं तथा स्थावर जीव इसमें एवं सर्वत्र लोकमें रहते हैं । उसको मुख्यता से इसे त्रसनालो कहते हैं। छह द्रव्य आदिका स्वरूप अभी पहले कह दिया है । उन द्रव्योंमें जीव और पुद्गलकी स्वभाव विभाव दोनों प्रकारकी पर्यायें होती हैं । शेष धर्म आदि द्रव्योंमें स्वभाव पर्याय ही होती है । पर्यायोंके द्रव्य-पर्याय, गुणपर्याय, अर्थपर्याय आदि अनेक भेद हैं, इनका स्वरूप पंचास्तिकाय आदि ग्रंथोंमें अवलोकनीय है । बारह अनुप्रक्षाओंके नाम अनित्य, अशरण, संसार, एकत्व, अन्यत्व, प्रशुचि, आस्रव, संवर, निर्जरा, लोक, बोधि दुर्लभ और धर्म ये बारह भावनायें हैं ।। १८०० ॥
SR No.090280
Book TitleMarankandika
Original Sutra AuthorAmitgati Acharya
AuthorJinmati Mata
PublisherNandlal Mangilal Jain Nagaland
Publication Year
Total Pages749
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
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