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________________ १२८ ) मरकण्डिका आचार जोदकल्पानां जायते गुरणचोपना । गुणाः स्वशुद्धच संपलेशौ माईवार्जवचतुष्टयम् ।।४२४ ।। आलोक्य सहसा यान्तमभ्युत्तिष्ठन्ति संयताः । आज्ञासंग्रह वात्सल्य प्रणामकृतयोऽखिलाः ॥४२५॥ को निवेदन करने के लिये गुरु के निकट जा रहा है उसके मार्ग में मूकता आने पर या मृत्यु होने पर भी उसको आराधना करने वाला ही माना गया है । निर्यापक के अन्वेषण में गमन करने वाले साधु के जो नूतन गुण प्रगट होते हैं उन्हें कहते हैं- आचार शास्त्र, जीद शास्त्र और कल्प शास्त्रों के गुणों का प्रकाशन होता है, अपनी परिणाम की शुद्धि, संक्लेश का अभाव, मार्दव तथा आर्जव इन चार गुणों की प्राप्ति निर्यापक की खोज में निकले हुए साधु को होती है ||४२४|| विशेषार्थ - आचार शास्त्र, जीद शास्त्र और कल्प शास्त्र ये निरतिचार रत्नत्रय का स्वरूप बतलाने वाले हैं, नियंपिक का अन्वेषक इन रत्नत्रयों को निर्मलता के लिये अवश्य प्रयत्न करता है अतः इन शास्त्रोक्त आचरणों का प्रगटीकरण होता है । आत्मा की शुद्धि होती है । संक्लेश परिणाम नष्ट होते हैं, अथवा विहार करना क्लेश दायक है ऐसा समझेगा तो गुरु के अन्वेषण के लिये कष्ट क्यों सहेगा ! किन्तु जिनको आराधना सिद्धि की इच्छा है ये कष्ट सहन कर गुरु का अन्वेषण करते हैं इसमें संक्लेश नहीं करते | गुरु के अन्वेषणार्थ विहार करने से आर्जव गुण प्रगट होता है, क्योंकि गुरु के निकट कपट छोड़कर आलोचना करता है । पराये संघ में जाने से अभिमान का परिहार होता है इससे मार्दव भाव जागता है । इसतरह परगण में जाने वाले मुनि को ये गुण अनायास ही प्राप्त हो जाते हैं । जब निर्यापक का अन्वेषक किसी एक संघ में प्रवेश करता है तब आते हुए उस साधु को देखकर शीघ्र ही राब संयत जन उठकर जिनदेव को आज्ञापालन वात्सल्य और प्रणाम हेतु खड़े हो जाते हैं ||४२५ || भावार्थ -- अतिथि मुनि को आता हुआ देखकर परगणस्थ यति सहसा खड़े हो जाते हैं, खड़े हो जाने से जिनाज्ञा का पालन होता है, आगत मुनि की स्वीकृति हो जाती है और उनके प्रति वात्सल्य प्रगट होता है । आगत मुनि का आचरण भी इस उपाय से जाना जाता है इसलिये आगत मुनि को देखकर शीघ्र खड़े होना चाहिये ।
SR No.090280
Book TitleMarankandika
Original Sutra AuthorAmitgati Acharya
AuthorJinmati Mata
PublisherNandlal Mangilal Jain Nagaland
Publication Year
Total Pages749
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
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