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________________ परणकण्डिका - १७६ पृष्टोऽपृष्टोऽपि यो ब्रूते, न रहस्यं कदाचना। इत्यादयो न विद्यन्ते, दोषास्तस्य गणेशिनः ॥५१६ ॥ अर्थ - जो अपरिस्रावी गुणज्ञ आचार्य क्षपक के दोष सुन कर मन में गुप्त रखते हैं, पूछने पर या न पूछने पर भी वह दोषरूप रहस्य कदापि दूसरों को नहीं कहते उस श्रेष्ठ निर्यापकाचार्य को गणत्याग आदि उपर्युक्त दोष नहीं लगते ।।५१६॥ इति विमुच्य रहस्य-विभेदकं, भजत गुल्य-निगूहक-मञ्जसा। न हि विशुद्ध-हिताहितवस्तवो, हितमपोहा भजन्त्यहितं जनाः ॥५१७॥ इति अपरिमेयः॥ अर्थ - ग्रन्थकार निर्यापकाचार्य को उपदेश देते हैं कि आप अपने अपरिस्रावी गुण को जानकर क्षपक के दोषों का प्रगटी-करण कभी नहीं करना। आप गुप्त दोषों को प्रगट करना छोड़ दो, क्षपक के दोष छिपाओ, क्योंकि हिताहित को सानोवाले महापुरुष दिन को लोड कर. अहितजन्य प्रवृत्ति कभी नहीं करते ।।५१७।। इस प्रकार अपरिस्रावी गुण का वर्णन पूर्ण हुआ । सुखकारी गुण कथन शुश्रूषक-प्रमादेन, शय्यायामासनादिके। सम्पन्ने दीन-वाक्येन, शिष्यकाणामसंवृते ॥५१८॥ अर्थ - क्षपक की सेवा-वैय्यावृत्य करनेवालों के प्रमाद से, संस्तर, आसन एवं भोजन-पानादि अनुकूल न होने से या उनकी व्यवस्था में विलम्ब कर देने से अथवा सल्लेखना विधि से अनजान साधुजनों के कठोर या प्रतिकूल या अपमानजनक वचन बोल देने से या असंयमी गृहस्थों के निमित्त से क्षपक कुपित हो सकता है ।।५१८॥ वेदनायामसयायां, क्षुत्तृष्णोष्ण-हिमादिभिः। क्षपकः कोपमासाद्य, मर्यादा विविभित्सति ॥५१९॥ अर्थ - अथवा असह्य वेदना से, भूख, प्यास, गर्मी एवं सर्दी की पीड़ा से क्षपक कुपित हो सकता है और अपनी मर्यादा का उल्लंघन कर सकता है।५१९ ।। निपकेण शान्तेन, शमनीयः स सूरिणा! क्षमापरेण वीरेण, कुर्वता चित्त-निर्वृतिम् ॥५२०॥ अर्थ - क्षमाशील एवं धैर्यशाली निर्यापकाचार्य कुपित अथवा मर्यादा उल्लंघन करने को तत्पर क्षपक की चित्तवृत्ति को शान्तभाव से शमन करते हैं ।।५२० ।। प्रश्न - निर्यापकाचार्य यदि क्षमाशीलादि भावों से युक्त न हों तो क्या हानि है? उत्तर - आचार्य क्रोधी क्षपक के सदृश ही कुपित होकर उसे डाँटने लगेगा। अभिमानी आचार्य क्षपक को प्रसन्न करने का प्रयास ही नहीं करेगा।
SR No.090279
Book TitleMarankandika
Original Sutra AuthorAmitgati Acharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherShrutoday Trust Udaipur
Publication Year
Total Pages684
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size16 MB
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