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महापुराण
अण्णेतहि वि एत्थु णो लिहियउ रस रोमंचि अम्हt aणुपरिमलपरिभमियनुं पत्थु ण लिहियच लज्जादेसिह
is ferrery विविधाम एहु दिव्वतरुवरुणंदणवणु पडु ललियं देव हवं होत घण लघुलिया रमणहारी अयणाहु पहु ति कहइ जुयंधरदेव का प एय अम् बे विषहरं इय मेहड़ि गयाई जगखेभहु एहु अंजणमहिहरु महु रुचइ इह ससुरणा मुहलिय अंबरति पहु गिरिसारङ एत्थु तासु कमकमलु णमंतई घा - एहु मलरहिए ह पाडहिड एह सह चत्र ॥ वियसिद्धिषणे जिणवरभवणे महि पयपोमहिं अं ||४||
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लिहिय पैहु सिरिमहु सुरहरु । पलवमाणु चलकलकोड़लगणु । पत्थु वर्तत एत्थु रसंत | Rs सह देवि महारी ।
टिपरमेसर |
सबभेसर मई लीणचं | केह णिसुणिनि नियमणि संतुहई | इस लग्गई जिणहाणारंभहु | एहु दीव वीस वुश्च । दहति विणि वि चलियई । पहियास लिहित भारत । fres a fव जिधम्भु सुतई ।
भरणु इणुिण लिहिय पण लिहिय परिवहु विलसित इह कोलपत्तावलिमोडणु पण लिहिउ बिरहा मुहु त्यु विडियs भूणु पेसि एक जि लिहियस अणुण्यगारउ पडिए सारं मुयावि व अहिड़ी व विहूई अण्णदि पणिई सई
[ २४.४. १
जो मई कौलारं पविहियत । एत्थु ण लिहियउ मोरुं पणचि । एत्थु ण लिहियडं अलिगु सुगुमियवं । सुय गुरुयणआगमणुक्रमासिक जं बहुणवणहं सोहइ महिय । एत्थु ण लिहिय पणयारोसित । एत्थु ण लिहियर किसलयताणु | एत्यु ण लिहियत प्रिउँ विषरं मुहु | एत्थु ण लिहियड दूययभासिज । हु हु दिण्णव पायपद्दारव । एत्थु ताइ इ आसि खमाविव । देवि सर्वपद माणवि हूई । अणु" लिइ किं मधु पारित |
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१. P इ and throughout this Kadavaka ४. MI नियम । ५. MB सरई ।
५. १. MBP णालियउ । २. B मे । २. MBP सुद्ध ४ MB गुरुय। 1 MBP read this line as: एत्यु ण लिहिउ पणयारोसिड, एत्यु ण लिहिय पविडूविलसित । ६. MBP विरहाउ ७. MBP पिउ | ८. MB भूषण । ९. M एरण: B एउ महू । ११. MB अण्ण |
१०. MBP बिहाई
२. MB सुपर" । ३. MB कहि ।