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________________ ४६ महाकवि दौलतराम कासलीवाल..यक्तित्व एवं कृतित्व का परित्याग करना, घारया छोड़कर सोना तथा शरीर को क्लेश देना ये सभी बाह्य तप है। इनके परि-पालन गे साधुनों की तपश्चर्या में उड़ना आती है। इसी प्रकार शून्ह अभ्यतर तप भी हैं । जिन्हें साधक स्वयमेव करता है और जिनसे उदात्त भावों के सामने में शान्ति मिलती है । इसके पण्चात् सम्यक्त्व, ग्यारह प्रतिमा धान, जल छानने की विधि, गवि गोजनत्याग एवं रत्नत्रय के परिपालन के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। कवि ने इन सभी में अपनी प्रगाध ज्ञान की छाप छोड़ी है। साथ में ऐसी क्रियानों के महत्व को पद्यों में लिखकर इसकी जन साधारण को विस्तृत जानकारी भी दी है। इस प्रकार "गनक्रिमाकोश' में यद्यपि जैनाचार का वर्णन है, लेकिन यह माना जाय रे लिए ननिक सदिला है । जिसने अड़िया धर्म का परिपालन, सत्य व्यवहार को जीवन में उतारने पर जोर, चोरी, अनैतिक जीवन एवं अनावश्यक संग्रह प्रादि की बुराइयों की खुलकर निन्दा की गयी है। ब्रतों से जीवन की अत्यधिक समित, नियंत्रित एवं विकसित करने की कला सिखायों गयी है । वास्तव में ऐसी पुस्तकों को धार्मिक प्रावरण में न रखकर सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रस्तुत की जानी चाहिए । भाषा: भाषा की दृष्टि से यह कवि की प्रथम छन्दोबद्ध रचना थो। इसलिए कवि इसमें किसी एक शैली पर स्थिर नहीं रह सका। कहीं पर यदि शुद्ध हिन्दी का प्रयोग हुना है तो कहीं पर राजस्थानी का। ब्रज भाषा के शब्दों के प्रयोग से कवि बच नहीं सका है। इसी तरह अपने मन्तव्य के लिए कहीं प्राकृत पद्यों का उदाहरण दिया गया है तो कहीं संस्कृत छन्दों को भी उद्धृत किया गया है। यही नहीं एक दो स्थान पर लो अपने विषय का प्रतिपादन करने के लिए उसने गद्म का भी प्रयोग किया है । जीवंधर चरित्र 'जीवंधार चरित' कवि की दूसरी काव्यात्मक कृति है। इसमें जीपंधर के जीवन का चित्रण किया गया है। जीवंधर का जीवन जैन समाज में अत्यधिक प्रिय रहा है। इसीलिए संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रश आदि सभी भाषामों में जी बंधर के जीवन पर अनेक रचनाए मिलती है। हिन्दी भाषा में इस रित को निबद्ध करने की रणा कवि को उदयपुर में स्वाध्याय प्रेमियों
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
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