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________________ ३४ महाकवि दौलतराम कासलीवाल-व्यक्तित्व एवं कृतित्व विविध प्रकार के पक्षीगरण बैठे रहते थे । महाराजा ने अपने निवास के लिए सात मंजिल वाला चन्द्रमहल बनाया जिसकी शोभा अवर्णनीय है। नगर के तीन और पर्वत मालानों पर अनेक गढ़ बनवाये गये इन में रघुनाथगढ़, शंकरगढ़, हयरोई, सुदर्शनगढ़ एवं जयगढ़, के नाम उल्लेखनीय हैं । महाराजा सवाई जयसिंह ने जयपुर नगर में प्रश्वमेध यज्ञ भी किया था। इस मज्ञ में भाग लेने के लिद जदने पनि हामा ३ विशेष रूप से ब्रह्मपुरी में बसा दिया । जयपुर नगर की सुन्दरता के बारे में पायचात्य कलाविदों ने बहत प्रशंसा की है। फादर तीफेन्थलर ने जयपुर नगर की सुन्दरता का वर्णन करते हुए लिया है कि "यह नगर, जबकि एकदम नवीन नगर है फिर भी देश के पुराने नगरों से भी सुन्दर है क्योंकि प्राचीन नगरों मे बाजार एवं गलियां प्रत्यधिक सकड़े हैं जबकि जयपुर नगर की प्रत्येक गली एव बाजार समान रूपसे लम्बे चौड़े हैं। मुख्य सड़क जो सांगानेरी गेट से प्रारम्भ होती है तथा उत्तरी गेट तक जाती है इतनी चौड़ो है कि छह सात गाड़ियां प्रासानी से एक साथ निकल सकती हैं। नगर में अनेक सुन्दर मन्दिर है जो शिव अथवा विषाणु के हैं। इसी तरह सन् १८२० में जब किसी प्रिटिश मिलिटरी अधिकारी ने जयपुर नगर को देखा तब उसने निम्न शब्द कहें थे' "जयपुर नगर के प्रमुख सड़कें गलण्ड की बहुत सी सड़कों से उत्तम है। यह इण्डिया का सर्वोत्तम नगर है।" इसी तरह और भी पाश्चात्य एवं भारतीय कला विशारदों ने जयपुर नगर के निर्माण की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की है। जयपुर नगर को गुलाबी नगर कहा जाता है। और इसी नाम मे यह सारे देश में विख्यात है। गत २०० वर्षों में इसकी सुन्दरता में परिवचन होता रहा है, तथा सरगासूली, हवामहल, म्यूजियम, एवं समनिवास शाग मे नगर की सुन्दरता में अभिवृद्धि हुई है। १८वीं शताब्दी के एक हिन्दी विद्वान भाई रायमल्ल ने संबत् १८२१ में लिखी एक पत्रिका में इसे जैन नगरी के रूप में लिखा हैं। यहां जितनी संख्या में दि० जैन मन्दिर हैं उतने देश के किसी नगर में नहीं है तथा संधत् १७८४ से लेकर संवत् १९५० तक जितने अधिक जैन विद्वान् हुए उतने अन्यत्र किसी 1. History of Jaipur State by Dr, M. L. Sharma.
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
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