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________________ पद्म पुराण भाषा गर्भ प्रकाश न पाव ता पहिले ही में भाऊ हूं, तुम चित्त प्रसन्न राम्रो पर कोई कहै तो ये मेरे नाम की मुद्रिका राखो हाथों के कड़े रावो, तुमको सब शांति होयगी, ऐसा कहकर मुद्रिका दई श्रर बसंतमाला को भाज्ञा दर्द इनकी सेवा बहुत नौके करियो, ग्राम पेजसों उठे, प्रिया विषै नगा रहा है प्रेम जिनका, कैसी है सेज ? संयोग के योगर्त बिखर रहे हैंहार के मुक्तकल जहां पर पुरुषनिकी सुगंध मकरंद भ्रम हैं भ्रमर जहां क्षीरसागर की तरंग समान प्रति उज्ज्वल बिछे हैं पट जहां, याप उठकर मित्र के सहित विमान पर बैठि भाकाशके मार्ग चाले । अंजना सुंदरी ने भ्रमंगल के कारण श्रांसू नका हे श्रेणिक ! कदाचित् या लोकविषै उत्तम वस्तु के संयोगत किचित् सुख होय है सो क्षणभंगुर है पर देहधारियों के पाप के उदयतें दुःख होय है, सुख-दुःख दोनों विनश्वर है, तातें हर्ष विषाद न करता । हो प्राणी हो ! जीवों को निरंतर सुख का देनहार दुःखरूप अंधकार का दूर करणहारा जिनवर-भाषित वर्ष सोई भया सूर्य ताके प्रतापकरि मोह- तिमिर हरहु । इति श्री रविषेणाचार्यविरचित महापद्मपुराण संस्कृत ग्रन्थ ताकी भाषावचनिका विषै पवनंजय अंजनाका संयोग वर्शन करने वाला सोलहवां पर्व पूर्ण भया ।। १६ ।। २६५ [जना के गर्भ का प्रगट होना और सासू द्वारा घर से निकाला जाना ] प्रथानंतर केक दिनों विष महेंद्र की पुत्री जो अंजना ताके गर्भ के चिन्ह प्रगट भए । कछुक सुख पांडुवर होय गया मानों हनुमान गर्भ में माया सो तिनका यश ही प्रगट भया है। मंद चाल चलने लगी जैसा मदोन्मत्त दिग्गज विचर है, स्तन युगल यति उन्नति को प्राप्त भए, श्यामलीभूत है अग्रभाग जिनके आलसतें बचन मंद मंद निसरें, भोहों का कंप होता भया, इन लक्षणनिरि ताहि सासू गर्भिणी जानकर पूछती भई कि तैंने यह कर्म कौनत किया। तब यह हाथ जोड़ प्रणाम कर पति के आवने का समस्त वृत्तांत कहती भई तदि केतुमती सासू क्रोधायमान भई । महा निठुर वाणीरूप पाषाण कर पोडती भई पर कहा है पापिनि ! मेरा पुत्र तेरे प्रति विरक्त, तेरा प्राकार भी न देख्या चाहै, तेरे शब्द को अब विषै घारं नाहीं, माता-पितासों बिदा होयकर रणसं १७बां पर्व 2
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
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