SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 352
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २३.६ महाकवि दौलतराम कासलीवाल-व्यक्तित्व एवं कृतित्व अकलित अविरूपा अचलित भूपा, अतुल अनूपा अतिबारा । है अनुभव कारा अतिभव हारा, अकथ अपारा जिन प्यारा ।।४१४।। अति अतिशय मंडा अनुशय छंडा, सौख्य करंडा अविकारा । है अनुभव पिंडा अतिशय खडा, अतिगति खंडा अतिप्यारा ।। है प्रागति खंडा अविगत पिंडा, अतिहित मंडा अविधारा । है अति अधदंडा अति जु प्रचंडा, कर्मविहंडा अतिप्यारा १४१५।। है अविरति हारा विरति विहारा, अतनु प्रहारा अरणगारा । है भूति विथारा अस्खलित धारा, अप्रमतबारा अतिप्यारा ॥ है अमित बिथारा सार सुसारा, अति जगपारा अतिचारा । है अतिक्रम दारा मल जु विडारा, अदरस हारा अतिप्यारा ॥४१६५ है अकर अकारा प्रजर जरारा, अमर करारा अविचारा । है, अतिगुगण गारा अठमद डारा, अविनयटारा अति प्यारा ।। है अतिसुख वारा अकुलित द्वारा, अतिशम धारा प्रतिगारा ।
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy