SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रस्तावना थी । तत्कालीन महाराणा जगांगह की विणेच 'पा का इन्धान कि उल्लेख किया है. रहे पाग, राण अति किरपा करई ।। जानै नौमी तांहि भेद भाव जन धरई ।। जनता पदान् कति वितन मान उच्चपुर श्रीर. २३. मनी उनकी रचना के प्राधार पर कोई निश्चिा जानाानी नही मिती: नि संवत् १८०७ ताक व जय मागे-मा जान पड़ा। दां मना राजा रावाई माधोसि नगगुर की गई पर बंटे थे यौन की कहा के कधि मन्त्री रह चुके थे 1 जयपुर मान के पश्चात चे गुन. जयापुर मगजान गवा में रह लगे । राज्य मया निमित उनि जना शेष जीवन गाहित्य मा प गपित कर ।। मी स! कहीं पर टोडरमल का व्यकिव उभर रहा था। ये महान कालिकारी समाज-सुधारक थ, साथ ही म न ग्रन्थों ग. महान जागा छ । उनी बागी में जाटु था तथा उन्हान पान नित्य में मारं अयपुर को प्रसारित कर लि! था । रविवार दौलतगाला म प्रभम परिनरय व उनमे हुया तो ऐसा मालूम होने लगा जमे गंगा-याना का मंगम होगा। हो । दौलतराम सामग गे थे । महाराजा के प्राधिक निकट मा. उन्होंने अपने आप मकिा ममात्रा में दुर रजय सारित्र्य निर्मागा की मोर अधिक लगाया । अब नत्र उन्हान ! TE नामोश यो छोई शप रचगार प्रमुग्नतः पन में ही तिमिन मा श्री। लाइन के प्रभाव पं. कारण वे भी गद्य की और भुर. गीर गंवत् १८१६ गे लेकर १२६ नर ८ महान् में विशाल वाय ग्रन्या को निगा कर डालो । कानन में इन खोड़े से समय में विशाल साहित्य का निर्मागा गार जहान नकार्नीन गमाज के ६६-बड़े पनि यो अचय बनिन कर दिया ! बागें श्रीपाल चरित्र एवं विदना-बिलाग को छोड़ब र दाप ममी ग्रन्थ हिदी गय में गि । पापुमा प्राविपुलामा हरिवंश पुराना में अन्य गी शागिर है । वाव ३ गानों के माध्यम ग गन्हान उनलाके स्वाध्याय की काही बदल दिया और फिर तो सार दल में उन्हीं के ग्रन्धा का स्वाध्याय होने लगा। दोनताराम एवं टोदाम-लका नाथ अधिक भर नहीं ६ मकः । बोडरमल का स्वर्गवास सं०१८२६ के पूर्व ही हो गय। माना की अग
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy