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________________ रचनाएँ कवि की यह प्राध्यात्मिक कृति है तथा रूपक काव्य है जिसमें परमहंस परमात्मा का विशद वर्शन किया गया है । संवतोल्लेख वाली कवि की यह अन्तिम कृति है। इसमें ६५१ दोहा चौपई छन्द हैं। संवत् १६३६ के पश्चात् ब्रह्म रायमहल और कितने वर्षों तक जीवित रहे तथा उनकी साधना गिर विधानसी की इस गान में अभी तक कोई उल्लेख नहीं मिल सका है। कवि की अब तक १५ रचनाएं उपलब्ध हो चुकी है जिनमें ८ रचनाएँ संवतोल्लेख वाली है जिनका ऊपर उल्लेख किया जा चुका है शेष ७ रचनाओं में रचना समाप्ति का कोई उल्लेख नहीं मिलता इसलिये उनकी कोई निश्चित रचना तिथि के बारे में नहीं कहा जा सकता। लेकिन इन सात रचनामों में जम्बूस्वामिरास के अतिरिक्त सभी रचनाएँ लघु रचनाएँ हैं इसलिये हमारा अनुमान है कि वे सभी कृतियाँ संवत् १६१५ से १६३६ के बीच में किसी समय रची गयी होगी। रचनाएं महाकवि की अब सक्र १५ कृतियाँ उपलब्ध हो चुकी है जिनके नाम निम्न प्रकार हैं १. नेमीश्वररास रचना संवत १६१५ २. हनुमन्त नया रचना संवत् १६१६ ३. ज्येष्ठिजिनवर कथा रचना संवत् १६२५ ४, प्रधुम्न रास रचना संवत् १६२८ ५. सुदर्शन रास रचना संवत् १६२६ ६. श्रीपाल रास रचना संवत् १६३० ७. भविष्यदत्त चौपई रचना संवत् १६३३ ८. परमहंस चौपई रचना संवत् १६३६ बिना संवत् वाली रचनाएँ है. जम्बूस्वामी चौई १०. निदोष सप्तमी कथा ११. चिन्तामरिण जयमाल १२. पंच गुरू को जयमाल १३. जिनलाई गीत १४, नेमिनिर्वाण १५. चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न
SR No.090269
Book TitleMahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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