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________________ १५८ चंपो जुही पाडल जाह जास सुगंध भमर ले बास J महाकवि ब्रह्म रायमल्ल बीलश्री करणी मही काइ । जिजपद श्रार्गे पोप सुबास ।। १५४ ।। नालिकेर का कान्छाकुर मिश्री दाख बिदाम खिजुरी । · सोवन भाल हाथि करि लोयो जिणपत्र श्रागे नेवज दीयो ॥। १५५०० J श्रीमणि कपूर सुबास भई आरती बहुत उजास I रत्न खित्रित प्रारती लीयो जिण चरण या फेरियो ।। १५६१ अगर महा किसनागर सार चंदन सुभ बावनी तुषार । रहन धोपाईनी भरि खेईयो, जिण चरण श्रागं फेरियो ।। १५७ t 1 नालिकेरि पुंगी दाडिमी मासूलिंग नीबू नारिंगी I नेणा देख्न विगास प्रपार जिन चरण आगे विसतार || १५८ ॥ . चल चंदन अक्षत सुभमाल, नेवज दीप धूप विसाल उपरि नालिकेर मेल्हिया, जिन चरण मा फेरिया ।।१५६ ।। प्रचुतेन्द्र द्वारा प्रश्न · भवसंदल करि पुजा भली पूगी सब ही मन की रली । दीठ मंडप उतिम अंम सूत तहाँ लियौ विश्राम ।। १६० ।। 1 पंथ श्रम बहू निद्रा भई, सुणडु कथा जे श्रा भई । पूर्व विदेह स् सांभामली जसोधर तिष्टं केवली ।। १६१ ।। केवली भगवान द्वारा उतर . " सुरनर फणि तमु आया सेव नमस्कार कर बैठा एव । अच्यत इंद्र तहि जोइया हाथ प्रसन एक दुर्भ जिननाथ ।।१६२ ॥ पहलौ धमिश्र (मिश्र) मुझ त J रहे कहा सोयाक भणौ । केवली भद्र सुणि बात तहिको कही सर्व विरतांत ।। १६३ ।। P क्षेत्र भरथ कुर जंगल देस धनपति सेठ तणी तहा बास ' , हस्तनागपुर बसें असेस 1 भवसदस नंदन स् तास ।। १६४ ।।
SR No.090269
Book TitleMahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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