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________________ + महाकवि भूधरदास : . 96. सिर पर धूल डालना .. 97. सिर घिसन . . - - 98. सफेदी आना 99. सिर दुलना 100, सलाह पारना 101. सबेरा सोचते ही __संध्या होना . 102. सारस सरवर छोड़ना 103. सिर धूल देना 104, सूरज के आगे दीपक दिखाना 105. सूसे की अंधेरी करना धूल डाल निज सीस लिए पार्श्वपुराण पृष्ठ 65 गरि पहिलो प्रणाम करें है। जैनशतक छन्द १ आये सेत भैया जैनशतक छन्द 28 तातै निज सीस डोलें जैनशतक छन्द 41 पारनी सलाह है जैनशतक छन्द 45 सांझ होन आई है विचारत सबेर ही जैनशतक छन्द 71 सारस सरवर तजि गये पार्श्वपुराण पृष्ठ 1 दो दुरमति सिर धूला रे भूधरविलास पद 19 रवि दुर्ति आणु पार्श्वपुराण दीपक लोय पृष्ठ 43, 62 आँखिन विलोक अंध सूसे को अंधेरी करे। जैनशतक छन्द 39 ऊबरी इतेक आयु सेर माहि पूनी सी जैनशतक छन्द 35 जैनशतक छन्द 21 होउ हरी तब ही अब भेंटो भूधरविलास पद 14 हरिहर ब्रह्मा तुम ही भये पार्श्वपुराण पृष्ठ 59 यों हार निज हथियार डारे पार्श्वपुराण पृष्ठ 1 कर बहे हैं। जैनशतक छन्द 55 106. सेर में पूनी जाय 107. सोते रहना 108. हरी होना -- - 109, हरिहर ब्रह्मा होना 110. हथियार डालना 111.हाथ पड़ना
SR No.090268
Book TitleMahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Jain
PublisherVitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size9 MB
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