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________________ चमधन करण लब्धि कर्मस्कन्ध कषायप्राभृतग्रन्थ कृतकरणीयकाल .१५८ २८८ १२७ चालीसीया पूणिसूत्र चेतनाकार कृतकृत्यसम्यक्त्व कृप्तयुग्म ४६ ७. मकरण क्षयोपशम क्षायिकसम्यक्त्व क्षायोपयामिक जघन्य भमुभाग सत्त्व अघन्य प्रदेश सत्त्व जघन्य मुक्तासंख्यात जघन्य स्थितिबन्ध जघन्य स्थितिसत्त्व ज-स्थितिबन्ध जातिस्मरण जात्यन्तर जिनबिम्बदर्शन जिनमहिमा दर्शन शुभव २५४ क्षुद्र भवग्रहस २२६ डेढ़ गुणहानि गच्छ गलितावशेष गलिसावशेष गुणश्रेणी मुग श्रेणी गुणश्रेणि पायाम गुणणि विन्यास गुरपशि शीर्ष गुणसंकमण गुणहानिस्थानान्तर. १३०, २६६ ३१, ७७ ४५, ४६ २८२ १२४, १२६ ४४, १७७ तदुभयप्रत्पयिक (बायोपामिक) तीसिया असचतुक Han दण्डक गुणांश दीयमान १२४, २३४ गुरिणवकाश गोपुरयाकार ११२ पुनर्गि १०७, ११६, १८५ १२४, २३४ चतुःस्थानीय चतुःस्थानीय यवमध्य दूरापकृष्टि दृश्यमान देवचतुष्क वषिदर्शम देशकरणोपशामना चय २२६ ।
SR No.090261
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Philosophy, & Religion
File Size16 MB
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