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________________ कविवर बुलाखीचन्द बुलाकीदास एवं हेमराज साधु प्राचार का बड़ा ही रोचक एवं प्रभावक कयन किया गया है। अन्य की भाषा प्राचीन प्राकृत है जो परिमाजित है। यही नहीं इसकी भाषा उनके अन्य सभी मन्थों से प्रौद्ध है तथा गम्भीर अर्थ की द्योतक है। इसका दूसरा प्रधिकार प्रयाधिकार नाम से है जिसमें ज्ञेय तत्वों का सुन्दर विवेचन किया गया है। प्रबचनसार का तीसरा प्रधिकार चारित्राधिकार है । प्रवचनसार पर अग्रसेन की संस्कृत टीका भी अच्छी टीका मानी जाती है। प्रवचनसार की गद्य टीका तत्कालीन हिन्दी गद्य का अच्छा उदाहरण है। पांडे हेमराज ने प्राकृत गाथानों का पहिसे अध्वपार्थ लिखा है मोर फिर उसीका भावार्थ लिखा है। मावार्थ बहुत अच्छा गद्य भाग बन गया है। इसका एक उदाहरण निम्न प्रकार है "जो मोक्षामिलाधी मुनि है ताकौं यों चाहिए के तो गुणनि करि पाप समान होह के, अधिक होह असे दोइ की संगति कर प्रौर की न करें। जैसे सीतल घर के कोने में सीता हमार सने मजल गुर ही रक्षा ही है तेसैं अपने गुण समान की संगति स्यों गुण की रक्षा हो है । नौस जैसे प्रति सीतल बरफ मिश्री कपूरादि की संगति स्यों प्रति सीतल हो है तैसे गुणाधिक पुरुष की संगति स्यों गण वृद्धि हो है तातं सत्संग जोग्य है । मुनि को यों चाहिए प्रथम वा विर्ष यह कही जु पूर्व ही शुभोपयोग ते उत्पन्न प्रवृत्ति ताको अंगीकार कर पाई क्रमस्यों संयम की उत्कृष्टता करि परम दशा को धरै पाछ समस्त वस्तु की प्रकाशन हारी केवलशानानंद मयी शास्वती अवस्था को सर्वथा प्रकार पाह अपने अतींद्रिय सुख को अनुभव हु यह शुभोपयोगाधिकार पूर्ण हुवा । पृष्ठ संख्या २२८ प्रवचनसार की पचासों पाण्डुलिपियाँ राजस्थान के विभिन्न ग्रन्थागारों में सुरक्षित है। संवत् १७२८ में लिपिबद्ध एक पाण्डुलिपि हमारे संग्रह में उपलब्ध है। २ प्रवचनसार भाषा (पद्य) प्रवचनसार की हिन्दी गद्य टीका का ही अभी तक विद्वानों ने अपने २ ग्रयों एवं शोध निबन्धों में उल्लेख किया है लेकिन इनकी प्रवक्तसार पर पद्य टीका का कहीं उल्लेख नहीं मिलता । १० परमानन्द जी शास्त्री जैसे हिन्दी के विद्वान् ने भी हेमराज की गद्य वाली टीका का ही नामोल्लेख किया है। लेकिन सौभाग्य से मुझे
SR No.090254
Book TitleKavivar Bulakhichand Bulakidas Evan Hemraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1983
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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