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________________ बुधजन द्वारा निबद्ध कृतियां एवं उनका परिचय ૨૭ सहज में ही चल जाता है। उनमें लोक रंजन या ख्याति - लाभ पूजादि को कोई स्थान नहीं है । अलंकार तथा प्रसाद गुण से विशिष्ट होने के साथ-साथ उक्त रचना सरल, सरस एवं गम्भीर अर्थ को लिये हुए हैं । कविता में कहीं-कहीं उर्दू, गुजराती अपभ्रंश, राजस्थानी व्रज प्रादि भाषाओं के शब्दों का यथोचित समावेश किया गया है । इसमें भिन्न-भिन्न विषयों पर लिखी गई कविताओं का सुन्दर संकलन है । इसमें निम्नलिखित रचनाएं संग्रहीत हैं, जिनके शीर्षक इस प्रकार हैं— E १ विचार पच्चीसी २ दर्शन पच्चीसी ३ अरहंत देव की स्तुति देव दर्शन स्तुति ४ दर्शना ५ ६ पूजा के दोहे ७ दर्शन के पद म ढाल त्रिभुवन गुर स्वामी की ढाल मंगल की ९ विनती पव विष, छत्तीसी १० ११ द्वादशानुप्रेक्षा १२ शुद्धात्मा - जखड़ी १३ सक्यकत्व - भावना १४ सरस्वती पूजा १५ पूजाष्टक १६ शारदाष्टक १७ गुरु विनती १८ चौबीस दारणा १६ स्फुट पद २० जिनोपकार स्मरण स्तोत्र २५ पद २५ पद ४ पद पद ७ पर्व ६ पद 5 पद ४ प १२ पद ३६ पद १४ पद ८ पर्द १० पद (कवि र की सम्मत भावना का हिन्दी पद्यानुवाद | १५ पद 8 पद पद १४ पद ५० पद १० पद २० पद १- बुधजनः बुधजन विलास शास्त्र भण्डार, बि० जैन मन्दिर, सोनकच्छ म. प्र. वि० सं. १६६६, हस्तलिखित प्रति ।
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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