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________________ कमिवर बुधजन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ५२ पद २१ रोष पापी पति जाने की विनती २२ उपदेश छत्तीसी ३६ पद २३ वचन-मतीसा ३२ पद २४ बोध-दावशी -- १२ पद २५ ज्ञान-पञ्चचीसी २६ नंवीश्वर-जयमाला भाषा २१ पद २७ विराग भावना ५२ पद २८ पद २३५ पद बुधजन विलास में प्राप्त उपयुक्त विषय श्री दि० जैन मन्दिर सोनकच्छ मि. प्र.) से प्राप्त हस्त-लिखित प्रति के प्राधार से स्लिखित हैं। उक्त ग्रन्थ के लिपि कर्ता बृजलाल हैं । हस्तलिखित ग्रन्थ संवत् १९६६ ममसिर सुदी दसवीं को लिखकर पूर्ण हुअा था। बुधजन-विलास की ही एक हस्त -लिखित प्रति हुकुमचन्द जी एम. ए. के सौजन्य से दि. जैन मारवाड़ी मन्दिर ट्रस्ट में प्राप्त हुई थी। इसमें उपयुक्त विषयों के प्रतिरिक्त कुछ विषय और भी हैं वे हैं-1 १. पूजन पहली पढ़ने के दोहा २. समकित जखड़ी ३. लघु श्रावकाचार बत्तीसी इस प्रकार फुल ३१ संख्यक संक्षिप्त रचनामी का सुन्दर संकलन बुधजन विलास में दष्टि गोधर होता है। इनमें कुछ रचनाएं तो इसनी बड़ी हैं कि वे स्वयं एक स्वतन्त्र ग्रन्थ के रूप में संकलित की जा सकती हैं। बुमजम बिलास की कविताएं काव्य-कला की दृष्टि से संपूर्ण रीतियों, शब्दालंकार एवं प्रतिकार से परिपूर्ण है। इसमें स्थान-स्थान पर अनुप्रास और यमक की झलक भी दिखाई देती है । छन्दों की दृष्टि से भी मह अन्य महत्वपूर्ण है। इसमें लगभग ५२ प्रकार के छन्दों का प्रयोग किया गया है, जिनके नाम इस प्रकार हैं : (१) सोरठा (2) दोहा (३) ढाल त्रिमुखन गुरुस्वामी की (४) लाल करूनाल्योजी की (५) त्रिभंगी छन्द (६) दाल मंगल की १७) हाल नोमंग की (4) चौपाई (६) गीता छन्द (१०) पद्धड़ि छन्द (११) चौपाई छाद (१२) मरहठी छन्द (१३) कुण्डलिया (१४) प्रजिल्ल (१५) सम्यकब जोगिता (१६) राग भैरू' (१७) भैरू की वंचरी (१८) मैरवी (१६) षट्ताल तितालो १२) रागपढा (२१) राग रामकली (२२) राग ललित (२३) विसावल कनड़ी (२४) प्रलहिया 1. कवि बुधजमः सुषवन विवास, हसमिजित प्रति, वि. अन मारवाड़ी मदिर ट्रस्ट, इन्दौर ।
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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