SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६ कविवर बुधजन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व कविवर बुधजन ने अपनी इस कृति की प्रत्येक हाल के अन्त में अपने नाम का उल्लेख किया है। ग्रन्थ के अन्त में कवि ने अपने नाम व रचनाकाल का उल्लेख इस प्रकार किया है: "हे बुधजन तू अपने चित्त में करोड़ों बातों की एक बात यह रखना कि मन, बचन, काय की शुद्धि पूर्वक सदा जिनमत की शरण ग्रहण करना ही प्रत्येक धावक का कत्र्तव्य है। तीनों छहढाला ग्रन्थों के मंगलाचरण की प्राश्चर्य कारिणी समानता इस बात की प्रतीक है कि तीनों ग्रन्थों के रचयिता एक ही परम-तत्व-वीतरागता के उपासक थे। ५-अधजन विलास बुधजन बिलास में कवि की स्फुट कवितामों एवं पदों आदि का संकलन है। इन्हें पढ़कर प्रत्येक सहृदय व्यक्ति प्रात्मविभोर हो उठता है। इनका संकलन वि.सं. १८६२ में किया गया था । कृति के अवलोकन से विदित होता है कि कविता पर उनका असाधारण अधिकार था। उनकी काव्य कला हिन्दी साहित्य-संसार में निराली छटा को लिये हुए हैं। कवि की रचना प्रायः वराग्य रस से परिपूर्ण है और बड़ी ही रसती एवं मन-मोहक है। इसको पढ़ते ही चित्त प्रसन्न हो उठता है और छोड़ने को जी नहीं पाहता । इसके अध्ययन और तदनुकूल प्रवृत्ति करने से मानव-जीवन बहुत कुछ ऊंचा उठ सकता है। वास्तव में कविवर बुधजन की काव्य-कला का विशुद्ध लक्ष्य प्रात्म-कल्याण के साथ-साथ लोक की सच्ची सेवा करना रहा है । जो प्रशानी मानव पाप पंक में निमग्न है, विषय-वासना के दास है, तथा मारमपतन की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्हें सम्बोषित करके सन्मार्ग पर लगाने का कषि ने भरसक प्रयत्न किया है । कविता के उच्चादर्श का पता बुधजन-विलास की कवितामों के अध्ययन से 1- कोटि बाप्त की बात परे दुषमन पित घरमा । मन ब तम शुख होय गहरे गिन मस का सरना ॥ ठारासे पंचास मधिक नव चित् जानो। तीज शुक्ल शास बालषट् शुभउपमानो ॥ सुषनमः छहढाला, पठीवाल, पच संपया १०, पृ.सं. ३६ सुषमा प्रेस सतना प्रकाशन
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy