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________________ युग और परिस्थितियां ६. साहित्य-सर्जन "संसार में कवि और लेखक तो बहुत होते हैं पर वास्तव में उन्हीं का जीवन सफल हैं जिन्होंने ग्राध्यात्मिक रचनाएं करके अपनी कवित्व शक्ति का उपयोग स्वपर कल्याण के लिये किया। बुधजन ऐसे ही कवि थे, जिन्होंने अपनी काव्य प्रतिभा का उपयोग स्व-पर कल्याण के लिए किया । "" १३ rr भारतीय साहित्य का मध्यकाल काव्य सृजन की दृष्टि से महत्त्व का माना गया है । इस युग में जैन कवियों ने जो भी लिखा वह मात्र 'कलर के लिए कला" प्रायोजन नहीं था, वरन् समये तत्कालीन जन-जीवन स्पंदित था । इन कवियों ने कवि दृष्टि के साथ-साथ संस्कृति, नीति और धर्म को भी अपने काव्य की प्रमुख भूमि बनायी और ऐसा साहित्य लिखा, जिसने जन-जीवन को ऊंचा उठाया और श्रमण संस्कृति की निर्मलताओं को उजागर किया । हिन्दी के जैन कवियों की रचनाओं ने हमारे जीवन को प्रतिक्षप नया उत्थान दिया है | हमारे लोक जीवन को प्राध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान की है। मानव को पशुला से मनुष्यता की मोर ले जाना ही उनका लक्ष्य रहा है । हिन्दी के जैन कवियों ने अपनी रचनाओं में दरिक व मात्रिक दोनों प्रकार के छन्दों का प्रयोग किया है । वणिक छन्दों का प्रयोग, अधिकांशतया संस्कृत की अनूदित कृतियों में और मात्रिक छन्दों का प्रयोग मौलिक कृतियों में किया जाता है । कवि की रचनाओं में यथा स्थान मुहावरों एवं लोकोक्तियों के सुन्दर प्रयोग हुए हैं। C बुधजन की रचनाएं प्रसाद गुण युक्त हैं । इस युग के सभी जैन कवियों ने खड़ी बोली का प्रयोग किया है। उनकी भाषा पर फारसी का स्पष्ट प्रभाव है । फारसी, ब्रज एवं राजस्थानी के शब्दों के तत्सम और तद्भव दोनों रूपों में प्रयोग मिलते हैं । बुषजन सध्य जैन साहित्यकारों ने साहित्य सर्जना करते समय जन साधारण की भाषा प्राकृत अपभ्रंश हिन्दी आदि को अपनाया क्योंकि उनका उद्देश्य चमत्कार एवं चातुर्य प्रदर्शन न होकर जन-मानस में जीवन के प्रति धर्ममय लगन को जागृत करना था । १. स एव कवयो घोराः स एव विचक्षणाः । येषां धर्म कयांगत्वं, भारती प्रतिपद्यते ॥ प्राचार्य जिनसेन महापुराण अध्याय - १ पद्म ६२-६३, पृ. ५, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, वि. सं. २००० ।
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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