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कविवर बुधजन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
काव्य
खंडकाव्य
मुक्तक-काध्य
१ वर्धमान पुराण सूचनिका
गेय दोहा जखड़ी स्तुति पूजा स्फुट (फुटकर) (१) छहळाला १ सतसई बंदनाजखडी विमल जिने- सरस्वती तत्वार्थ बोध
एवर स्तुति पूजा (२) पदसंग्रह
नंदीश्वर (३) बुधजन विलास
जयमाला बुधजन विलास के विषय
बुधजन : विलास
मेयपद १ विनती (२) ढाल मंगलकी ३ हाल त्रिभुवन गुरु स्वामी की ४ विमल जिनेश्वर विनती ५ भरे मूढ तू क्यों भरमाना (चिनती) ६ ऐसी है वाणी जिनवर की विनती) ७ लगन मोहिलागी देखन की (विनती) ८ थे तत्व विचारो जी (विनती) ६ तुम जगत पिछान्याजी (विनती) १० अरहंत देव की स्तुति ११ सममित भावना १२ पूजाष्टक १३ गुरु विनती १४ जिनोपकार स्मरण स्तोत्र भाषा १५ शुद्धात्म जखड़ी
छन्दोबद्ध मुक्तक १ विचार पच्चीसी २ बिवुध-छसीसी ३ उपदेश छत्तीसी ४ बोधद्वादसी ५. दर्शन-पच्चीसी ६ दोष वावनी ७ वधन बत्तीसी जान पञ्चीसी
वैराग्य भावना १० चौबीस ठाणा ११ इष्ट छत्तीसी १२ दोदशानुप्रेक्षा १३ श्रावकाचार बत्तीसी