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श्री कल्याणमन्दिरस्तोत्र मार्थ
यामीकरादिशिरसीव नवाम्बुब्रहम् ।।२31
आलोकयन्ति रभसेन नदन्तमुच्चै
श्यामं गभीरगिर मुज्ज्वर-हेमरत्व -
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श्लोक २३ ऋद्धि-हीबई बमोबज ( 32 ? ) य हरणाए।
मन्त्र-ॐ नमो ( ४ ) श्रीं क्लीं मां झों ममः नमः (वाहा )।
गुण-राज दरबार मैं अय, सम्मान सपा हर जगह मान्यता होती है।
फन-अमनपुर नगर के राजा वीरसवाहारा पदव्युह राज्य सचिव समति ने इस स्तोत्र के २३ ३ इलोक सहित क मन्त्र को पासपना से पुनः राज्य सम्मान प्राप्त किया था ।