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श्री कल्याणन्टि र सोसाई
प्राणाति पामरमः सरमाइनिस्तोऽपि ।७।।
तीनान पहन पान्यजनान्निदाघे
आस्तामचिन्त्यमहिमा जिन संस्तवस्ते,
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श्लोक ७ ऋद्धि-ॐ ह्रीं ग्रह गमो माहण झाणाए । मत्र--ॐ नमो भगवते शुभाशुभकथयित्रे स्वाहा ॥
गुण-परदेश गये हुये पति अथवा स्वजन सम्बन्धी को २७ दिन के भीतर खबर मिलती है। यंत्र को पास में रखने से साधक जिसकी इच्छा करता है उसका आकर्षण साधक के प्रति होता है।
फल - हांसी । जिला हिसार ) की राजकुमारी प्रियगुलता ने अपने पति का जो विवाह के उपरान्त ही विदेश में जीवन-यापन कर रहा था सप्तम काव्य सहित उक्त महामंत्र के प्रभाव से सकुशल समागम प्राप्त किया था।