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________________ 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26. 27. 28. 29. 30. 31. 32. 33. 34. 35. पक्षी असंज्ञी पंचेन्द्रिय सरिसृप स्थलचर ( कर्मभूमिज ) उत्तम भोगभूमिज मध्यम भोगभूमिज जघन्य भोगभूमिज कुभोगभूमिज कर्म भूमिज भवनवासी देव असुरकुमार नागकुमार विद्युत कुमार सुपर्णकुमार अग्निकुमार परिशिष्ट - 1 अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष 10,000 वर्ष वातकुमार स्तनितकुमार उदधिकुमार 25 कैद में फँसी है आत्मा 72,000 वर्ष 1 कोड़ी पूर्व 9 पूर्वाग 1पल्य 3 पल्य 2 पल्य 1 पल्य 1 पल्य 1 पल्य 1 सागर 1 सागर 3 पल्य 1/2 पल्य 27; पल्य १८, पल्य 2 37, पल्य 1'/ पल्य ܐ だ पल्य
SR No.090234
Book TitleKaid me fasi hai Atma
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuvidhimati Mata
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Religion, & Sermon
File Size545 KB
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