SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कैद में फंसी है आत्मा परिशिष्ट - 1 पर्याय का नाम जघन्यायु उत्कृष्टायु रत्नप्रभा (नरक) 10,000 वर्ष 1 सागर शर्करा प्रभा । साधिक एक सागर | 3 सागर वालुका प्रभा साधिक 3 सागर 7 सागर पंक प्रभा साधिक 7 सागर 10 सागर धूम प्रभा साधिक 10 सागर | 17 सागर तमः प्रभा साधिक 17 सागर | 22 सागर महातमः प्रभा साधिक 22 सागर | 33 सागर पृथिवीकायिक शुद्ध 12,000 वर्ष 22,000 वर्ष 7,000 वर्ष 11. 3 दिन रात 12. 3,000 वर्ष पृथिवीकायिक खर अप्कायिक तेजकायिक वायुकायिक वनस्पतिकायिक साधारण द्वीन्द्रिय त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय जलचर अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 10,000 वर्ष 14. 12 वर्ष 15. 49 दिन रात 6 माह 17. 1 कोड़ी पूर्व 24
SR No.090234
Book TitleKaid me fasi hai Atma
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuvidhimati Mata
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Religion, & Sermon
File Size545 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy