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________________ xxxviiii जीवसमास अट्ठ बारह चोद्दस भागा वा देसूणा।। ४ ।। सम्मामिच्छाइट्ठि- असंजदसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेतं फोसिद? लोगस्स असंखेज्जदिभागो ।।५।। अट्ठ चोद्दस भागा वा देसूणा।। ६ ।। संजदासंजदेहि केवडियं खेतं फोसिद? लोगस्स असंखेजदिमागो।। ७ ।। छ चौद्दस भागा वा देसूणा।। ८ ।। पमत्तसंजदप्पडि जीब अजोगिकेवलीहि केवडियं खेत्तं फोलिदं? लोगस्स असंखेज्जदिभागो सजोगिकेवलीहि केवडियं खेतं फोसिदं? लोगस्स असंखेज्जदिमागो असंखेज्जा या भागा सबलोगो वा ।। १० ।। (षटी०, पृ० १०१-१०४) कालप्ररूपणा करते हुए जीवसमास में सबसे पहले चारों गति के जीवों की विस्तार के साथ भवस्थिति और कास्थिति बताई गई है, क्योंकि उसके जाने बिना गणस्थानों और मार्गणास्थानों की काल-प्ररूपणा ठीक-ठीक नहीं जानी जा सकती है। तदनन्तर एक और नाना जीवों की अपेक्षा गुणस्थानों और मार्गणास्थानों की कालप्ररूपणा की गई है। गणस्थानों की प्ररूपणा जीवसमास में ७।।। गाथाओं में की गई है तब षट्खण्डागम में वह ३१ सूत्रों में की गई है। विस्तार के भये से यहाँ दोनों के उद्धरण नहीं दिये जा रहे हैं। जीवसमास में कालभेद वाली कुछ मुख्य-मुख्य मार्गणाओं की कालप्ररूपणा करके अन्त में कहा गया है एत्य य जीवसमासे अणुमग्गिय सुहम-निउणमाकुसाले। सुहमं कालविभागं विमएज्ज सुम्मि उवजुत्तो।। २४० ।। अर्थात् सूक्ष्म एवं निपुण बुद्धिवाले कुशल जनों को चाहिए कि वे जीवसमास के इस स्थल पर श्रुतज्ञान में उपयुक्त होकर अनुक्त मार्गणाओं के सूक्ष्म काल-विभाग का अनुमार्गण करके शिष्य जनों को उसका भेद प्रतिपादन करें। अन्तर-प्ररूपणा करते हुए जीवसमास में सबसे पहले अन्तर का स्वरूप बतलाया गया है, पुनः चारों गतिवाले जीव मरण कर कहाँ-कहाँ उत्पन्न होते हैं, यह बताया गया है। पुन: जिनमें अन्तर सम्भव है, ऐसे गुणस्थानों और मार्गणास्थानों का अन्तरकाल बताया गया है। पश्चात् तीन गाथाओं के द्वारा गुणस्थानों की अन्तरप्ररूपणा की गई है, जबकि वह षट्खण्डागम में १९ सूत्रों के द्वारा वर्णित है। तदनन्तर कुछ प्रमुख मार्गणाओं की अन्तरप्ररूपणा करके कहा गया है कि भव-भावपरित्तीणं काल विभाग कमेणऽणुगमित्ता। भावेण समुवउत्तो एवं कुण्डतराणुगम।। २६३ ।।
SR No.090232
Book TitleJivsamas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1998
Total Pages285
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size5 MB
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