SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 187
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १३४ जीवसमास प्रतर श्रेणियों में जितने आत्म-प्रदेश होते हैं उतने सौधर्म देव होते हैं। यहाँ ईशान देवों की विष्कंभ सूची कही नहीं हैं परन्तु ईशान देव से सौधर्म देव संख्यात गुणा अधिक हैं ऐसा महादण्डक (प्रज्ञापना) में कहा गया हैं। नारक तथा देव परिमाण बारस दस अद्वेव य मूलाई छसि दुनि नारएसुं । एक्कारस नव सत्त य पाग खड़क्कं च देवेसु ।। १५८ ।। गाथार्थ - नारकों में अनुक्रम से श्रेणी-सूची के बारह, दस, आठ, छ, तीन, दो वर्गमूल के प्रदेश परिमाण जीव- राशि हैं तथा देवों में ग्यारह, नौ, सात, पाँच तथा चार वर्गमूल के प्रदेश परिमाण जीव-राांश है। विवेचन - नारकों में प्रथम नारक धम्मा की चर्चा पिछली गाथा में की। इस गाथा में शेष छः नरक तथा सनत्कुमार आदि छः देवलोक की चर्चा की गई हैं, वह इस प्रकार है नारक - शेष नरक के जीवों का परिमाण— श्रेणीगत प्रदेश - राशि को बारहवें वर्गमूल से भाग देने पर जो भागफल आया वह दूसरी नरक के जीवों का परिमाण इसी प्रकार दसवें वर्गमूल का जो भागफल आया वह तीसरी नरक के जीवों का परिमाण, आठवें वर्गमूल का जो भागफल आया वह चौथी नरक के जीवों का परिमाण, छठें वर्गमूल का जो भागफल आया वह पाँचवी नरक के जीवों का परिमाण, तीसरे वर्गमूल का जो भागफल आया वह छठीं नरक के जीवों का परिमाण तथा दूसरे वर्गमूल का जो भागफल आया वह सातवीं नरक के जीवों का परिमाण हैं। देव श्रेणीगत प्रदेशराशि को ग्यारहवें वर्गमूल से भाग देने पर आने वाला भागफल तीसरे चौथे देवलोक के जीवों का परिमाण -- · नवे वर्गमूल का भागफल पाँचवें देवलोक के जीवों का परिमाण ७वें वर्गमूल का भागफल छठे देवलोक के जीवों का परिमाण, ५ वें वर्गमूल का भागफल सातवें देवलोक के जीवों का परिमाण, ४थें वर्गमूल का भागफल आठवें देवलोक के जीवों का परिमाण । तथा श्रेणीगत राशि २४०९६ को बारहवें वर्गमूल २ से भाग देने पर आने वाला भागफल २४०९६ ( दूसरी नरक के जीव)। दसवें वर्गमूल २४ से भाग देने पर आने वाला भागफल २४०९२ (तीसरी नरक के जीव)। आठवें वर्गमूल २१६ से भाग देने पर आने वाला भागफल २४०८० (चौथी नरक के
SR No.090232
Book TitleJivsamas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1998
Total Pages285
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy