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________________ * जिनसहस्रनाम टीका - १० मोक्षस्थान में स्थापन करते हैं उसे धाता कहते हैं। दधाति प्रतिपालयति सूक्ष्मबादर पर्याप्तापर्याप्तलबध्यपर्याप्तैकेंद्रियादि-पंचेन्द्रिय-पर्यंतान् सर्वजन्तून रक्षति परमकारुणिकत्वात् धाता = सूक्ष्मबादर, पर्याप्त-अपर्याप्त, लब्ध्यपर्याप्त ऐसे एकेन्द्रिय से पंचेन्द्रियपर्यन्त सर्व जीवों का परमदयालु होने से रक्षण करते हैं इसलिए वे धाता हैं। विश्वेशः = विश्वस्य त्रैलोक्यस्य ईशः स्वामी विश्वेशः = विश्व के तीनलोक के ईश-स्वामी होने से आप विश्वेश हैं। विश्वलोचनः = विश्वेषां त्रिभुवनस्थित-प्राणि-वर्गाणां लोचनं चक्षुः समानः स विश्वलोचन:= आँख के समान सुख-प्राप्ति का मार्ग बताने वाले होने से विश्वलोचन हैं। विश्वव्यापी = लोकपूरणप्रस्तावे विश्वं जगत् आत्मप्रदेशाप्नोतीत्येवंशीलो विश्वव्यापी = लोकपूरण समुद्घात में प्रभु अपने आत्मप्रदेशों से सर्वजगत् को व्याप्त करते हैं, या केवलज्ञान से लोकालोक को व्यापनेवाले होने से विश्वव्यापी हैं। विधुः = कर्मविधिं विदधाति इति विधुः। अथवा विधयन्त्येनं सुरा: विधुः धेट्पाने धातोः प्रयोगात् । व्यध् वेधने। विध्यति केवलज्ञानकिरणैर्महामोहान्धकार इति विधु: । चंद्र का देव पान करते हैं, इसलिए चन्द्रमा को विधु कहते हैं, वैसे ही प्रभु केवलज्ञान किरणों से मोहान्धकार का पान करते हैं अत: वे विधु कहलाते हैं, वेधाः = विधति सृजति इति वेधाः विध् विधाने = विधि-विधान याने धर्मसृष्टि जिसे प्रभु ने उत्पन्न किया, सृजन किया इसलिए वेधा हैं। शाश्वत: = शश्वते नित्ये भवः शाश्वतः = नित्य शाश्वत पद में स्थित रहते हैं अत: शाश्वत कहलाते हैं। विश्वतोमुखः = विश्वतश्चतुर्दिक्षु मुखं वक्त्रं यस्येति विश्वतोमुखः केवलज्ञानवंतं स्वामिनं सर्वेऽपि जीवा निजनिजसम्मुखं पश्यंतीति भावः = चारों दिशाओं में जिनेश्वर का मुख दिखता है और केवलज्ञान के बाद प्रभु के मुख को सब जीव अपने-अपने सम्मुख देखते हैं इसलिए इन्हें विश्वतोमुख कहते हैं। विश्वतोमुखं खलु जलमुच्यते तत्स्वभावत्वात् अमित जन्म पातक प्रक्षालकत्वात्, विषयसुखतृष्णानिवारकत्वात् प्रसन्नभावत्वाच्च भगवानपि
SR No.090231
Book TitleJinsahastranamstotram
Original Sutra AuthorJinsenacharya
AuthorPramila Jain
PublisherDigambar Jain Madhyalok Shodh Sansthan
Publication Year
Total Pages272
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Devotion, & Worship
File Size5 MB
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