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________________ विषयसूची प्रथम स्थितिकाण्डककी अन्तिम फालिका पतन होनेपर दिखाई देनेवाले प्रदेशजका प्ररूपणाभेद किस प्रकार है, इसका कथन गुणश्रेणिके साथ एक गोपुच्छा श्रेणिके साधनके लिये अल्पबहुत्वका कथन संज्वलनलोभकी दूसरी कृष्टिका तीसरी कृष्टिमें कब तक संक्रमण होता है इसका कथन संज्वलनलोभकी तीसरी कृष्टि सूक्ष्मसाम्परायिक कृष्टिमें कब संक्रमित होती है इस बातका कथन तदनन्तर सूक्ष्मसाम्परायिक कृष्टियोंकी किस क्रमसे उदीरणा होती है इसका निर्देश अन्तिम स्थितिकाण्डकके पतनके समय गुणिश्रेणिके पतनका क्रमनिर्देश २०७ संख्याक गाथाका विषयविवेचन २०७ संख्याक मूलगाथाकी प्रथम भाष्यगाथाका विवेचन २०९ संख्याक दूसरी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २१० संख्याक तीसरी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २११ संख्याक चौथी भाष्यगाथा का विषयविवेचन २१२ संख्याक पाँचवीं भाष्यगाथाका विषयविवेचन २१३ संख्याक मूलगाथाका विषयविवेचन क्षपणासम्बन्धी प्रथम २१४ संख्याक मूलगाथाका विवेचन उसकी २१५ संख्याक एक भाष्यगाथाका विवेचन क्षपणासम्बन्धी २१६ संख्याक दूसरी मूलगाथाका विवेचन उसको २१७ संख्याक एक भाष्यगाथाका विवेचन क्षपणासम्बन्धी २१८ संख्याक मूलगाथाका विषयविवेचन उक्त मूलगाथाकी १० भाष्यगाथाओं में २१९ संख्याक प्रथम भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२० संख्याक दूसरी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२१ संख्याक तीसरी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२२ संख्याक चौथी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२३ संख्याक पांचवीं भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२४ संख्याक छठी भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२५ संख्याक सातवीं भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२६ संख्याक सातवीं भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२७ संख्याक नौवीं भाष्यगाथाका विषयविवेचन २२८ संख्याक दसवीं भाष्यगाथा का विषयविवेचन २२९ संख्याक क्षपणासम्बन्धी चौथी मूलगाथा का विषयविवेचन उक्त मूलगाथा की २३० संख्याक प्रथम भाष्यगाथा का विषयविवेचन २३१ संख्याक द्वितीय भाष्यगाथाका विषयविवेचन पुरुषवेदके मानसंज्वलनसे क्षपक श्रेणिपर चढ़नेवाले जीवका कथननिर्देश माया और पुरुषवेदसे क्षपकश्रेणिपर चढ़े हुए जीवका कथन निर्देश
SR No.090228
Book TitleKasaypahudam Part 16
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size25 MB
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