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________________ गा० २३१ ] ११७ अज्जवि अंतोमुहुत्तमेत्तीए उवरि संभवादोत्ति वृत्तं होदि । एत्तो परमित्थीवेदस्स वि खवणमाढविय दो वि खवेमाणो अप्पणो पढमट्ठिदीए चरिमसमये जुगवमेव दोन्हं पि चरमफालीओ खवेदित्ति जाणावणमुत्तरमुत्तारंभो- * तदो से काले इत्थीवेदं खवेदुमाढत्तो एवं सयवेदं पि खवेदि । * पुरिसवेदेण उवदिस्स जम्हि इत्थीवेदो खीणो तम्हि चेव णवु सयवेदेण उवदिस्स इत्थीवेद-णव सयवेदा च दो वि सह खिज्जंति' । * तदो अवगदवेदो सत्तकम्मंसे खवेदि । * सत्तण्हं कम्माणं तुल्ला खवणद्धा । * सेसेसु पदेसु जथा पुरिसवेदेण उवदिस्स अहीणमदिरित्तं तत्थ णाणत्तं । $ २८३ गतार्थत्वान्नात्र किंचिद् व्याख्येयमस्ति, अनिवृत्तिकरणपरिणमनान्नानाजीवविषयाणां fasafe कालेषु विलक्षणभावासंभवे कथमयं नानात्वविचाराभिनिवेशो वेदका तो क्षय होता नहीं, क्योंकि अन्तर्मुहूर्त प्रमाण अपनी प्रथम स्थिति अभी भी आगे सम्भव है, यह उक्त कथनका तात्पर्य है । इससे आगे स्त्रीवेदकी भी क्षपणाका आरम्भ कर दोनोंका ही क्षय करता हुआ अपनी प्रथम स्थिति के अन्तिम समय में एकसाथ ही दोनों को भो अन्तिम फालियों की क्षपणा करता है; इस बातका ज्ञान करानेकेलिये आगे के स्त्रको प्रारम्भ करते हैं * पश्चात् अनन्तर समयमें जब स्त्रीवेदका क्षय करनेकेलिये आरम्भ करता है तब नपुंसकवेदका भी क्षय करता है । * पुरुषवेदके उदयसे क्षपक श्रेणिपर चढ़े हुए क्षपकके जिस समय स्त्रीवेद क्षीण होता है नपुंसक वेद के उदयसे क्षपकश्र णिपर चढ़े हुए क्षपकके उसी समय स्त्रीवेद और नपुंसक वेद दोनों ही एक साथ क्षयको प्राप्त होते हैं । * तत्पश्चात् अपगतवेदी होकर सात नोकषायरूप कर्मोंको क्षय करता है । * सात कर्मोंका क्षपणाकाल तुल्य है । * शेष पदोंमें जैसी विधि पुरुषवेदके उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़नेवाले क्षपककी कह आये हैं वैसी ही विधि हीनता और अधिकता से रहित यहाँ भी जाननी चाहिये । ६ २८३ गतार्थ होने से यहाँ पर कुछ भी व्याख्येय नहीं है, वृत्तिकरण परिणामोंके तीनों ही कालोंमें विलक्षणपना असम्भव १. खविज्जंति आ० । क्योंकि नानाजीव विषयक अनिहोनेपर यह नानापनेके विचारका
SR No.090228
Book TitleKasaypahudam Part 16
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size25 MB
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