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________________ १०५ गा० २३१ ] * पुरिसवेदयस्स मायाए उवहिदस्स णाणत्तं वत्तइस्सामो । ६ २५१ सुगमं । - * तं जहा । $२५२ सुगमं । * कोहेण उवट्ठिदस्स जम्महंती कोहस्स पढमट्टिदी कोहस्स चेव खवणद्धा माणस्स च खवणद्धा मायाए उवढिदस्स एम्महंती मायाए पढमहिदी। ६ २५३ एत्थ वि अंतरे अकदे णत्थि णाणत्तं; अंतरे कदे णाणत्तमिदि अहियारवसेणाहिसंबंधो कायव्यो । तदो अंतरं करेमाणो मायोदयक्खवगो सेससंजलणपरिहारेण मायासंजलणस्सेव पढ महिदिमंतोमुहुत्तायामेण हवेदि। सा च केम्महंती होदि त्तिपच्छिदे कोहोदयेणोवढिदस्स खवगस्स जम्महंती कोहस्स पढमहिदी सगंतोक्खित्तअस्सकण्णकरणकिट्टीकरणद्धा कोहस्स चेव तिण्हं किट्टीणं खवणद्धा माणस्स च तिण्हं संगहकिट्टीणं खवणद्धा संपिंडिदा एम्महंती एत्तियमेत्तपमाणविसेसोवलक्खिया मायाए * अब माया संज्वलन के उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़े हुए क्षपकके पुरुषवेदीकी विभिन्नताको बतलावेंगे । $ २५१ यह सूत्र सुगम है। * वह जसे । ६२५२ यह सूत्र सुगम है । * क्रोधसंज्वलनके उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़े हुए क्षपकके जितनी बड़ी क्रोधसंज्वलनकी प्रथमस्थिति, क्रोधसंज्वलनका ही क्षपणाकाल और मानसंज्वलनका क्षपणाकाल होता है, मायासंज्वलनके उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़े हुए क्षपकके मायासंज्वलनकी उतनी बड़ी प्रथमस्थिति होती है। ६२५३ यहाँ पर भी अन्तर नहीं करनेके पहले तक विभिन्नता नहीं है। अन्तर करलेनेपर विभिन्नता है, ऐसा अधिकारवश सम्बन्ध कर लेना चाहिये। अतः अन्तर करके माया संज्वलनके उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़नेवाला क्षपक शेष संज्वलनोंको छोड़कर माया संज्वलनको ही अन्तमहुर्त प्रमाण प्रथम स्थिति स्थापित करता है। किन्तु वह कितनी बड़ी होती है ? ऐसा पूछने पर क्रोधसंज्वलनके उदयसे क्षपकश्रेणिपर चढ़े हुए क्षपककी जितनो बड़ो क्रोधसंज्वलनको प्रथमस्थिति होती है, जिसके भीतर अश्वकर्णकरणकाल, कृष्टिकरणकाल तथा क्रोधसंज्वलनकी तीनों संग्रहकृष्टियोंका क्षपणा काल तथा मान संज्वलनकी ही तीनों संग्रहकृष्टियोंका क्षपणा काल मिलकर गर्भित है उतनी बड़ी अर्थात् इतने बड़े प्रमाण विशेषसे उपलक्षित माया संज्वलनके उदयसे क्षपक
SR No.090228
Book TitleKasaypahudam Part 16
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size25 MB
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