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खवगसेढीए अभवसिद्धिकपाओग्गा अण्णापरूपणा
२१३ ति णिच्छयो कायव्यो, उवरिमप्पाबहुअसुत्ताहिप्पायेण पिल्लेवणट्ठाणाणमसंखेज्जविभागताणं चेव भवसमयपबद्धसेसयाणमेगसमयेण पिल्लेवणोंवलंभादो त्ति ।
६५४३. संपहि एत्तोप्पहुडि भवबद्धाणं समयाविरोहेण णिल्लेविज्जमाणाणं पुवुत्तकालजव. मममदोदकालविसयमेगजीवविसेसिदं णेदवमिदि पदुप्पायणट्ठमुत्तरसुत्तारंभो
* तदो जवमज्झं कायव्वं ।
६५४४. तदो अणंतरणिविद्वत्तादो भवबद्धपडिबद्धजहण्णणिल्लेवणट्ठाणावो आढविय भवबद्धाणं णिल्लेविज्जमाणाणं कालजवमझमणुगंतव्वं । समयपबद्धाणं पुण एत्तो हेट्ठा अंतोमुहुत्तमोसरियूण दिवजहण्णणिल्लेवणहाणप्पडि पयवजवमझपरूवणा आढवेयव्वा त्ति सुत्तत्थसंगहो। एत्थ जवमझमिदि वुत्ते पुव्वुत्तकालजवममस्सेव परामरसो, णाण्णस्सेत्ति कधमेदं परिच्छिज्जवे ? ज, अण्णस्स जवमज्झस्स एवम्मि विसये संभवाणुवलंभावो। संपाहि जहा दोण्हमेदेसि जवमज्माणं भिण्णुद्देसे पारंभो किमेवं मज्मपदेसस्स वि भेदो अत्थि आहो त्थि ति पुच्छाए णिण्णयकरण?मुत्तरसत्तावयारो
* जम्हि चेव समयपबद्धणिल्लेवणट्ठाणाणं जवमझं तम्हि चेव भवबद्धणिन्लेवट्ठाणाणं जवमझं।
हैं ऐसा निश्चय करना चाहिए, क्योंकि परिम चूर्णिसूत्रके अभिप्रायानुसार निर्लेपनस्थानोंके असंख्यातवें भागप्रमाण हो भवबद्धशेषों और समयप्रबनशेषोंका एक समय द्वारा निर्लेपन प्राप्त होता है।
१५४३. अब इससे आगे समयके अविरोधपूर्वक निलेप्यमान भवबद्धोंका एक जीवसम्बन्धी अतीत कालविषयक पूर्वोक्त काल यवमध्यको ले जाना चाहिए इस बातका कथन करनेके लिए आगेके सूत्रका आरम्भ करते हैं
ॐ तत्पश्चात् यवमध्यको प्ररूपणा करनी चाहिए।
६५४४. 'तदो' अर्थात् पनन्तर पूर्व निर्दिष्ट किये गये भवबद्धसम्बन्धी बघन्य निर्लेपनस्थानसे आरम्भ करके निर्लेप्यमान भवबद्धोंका काल यवमध्य जानना चाहिए । समयपबद्धोंका तो इससे नीचे (पूर्व) अन्तर्मुहूर्त सरककर स्थित जघन्य निर्लेपनस्थानसे लेकर प्रकृत यवमध्यको प्ररूपणा आरम्भ करनी चाहिए यह इस सूत्रका समुच्चयरूप अर्थ है।
शंका-इस सूत्र में यवमध्य ऐसा कहनेपर पूर्वोक्त काल यवमध्यका हो परामर्श किया गया है, अन्यका नहीं इस प्रकार यह बात कैसे जानी जाती है ?
समाधान-नहीं, क्योंकि अन्य यवमध्य इस विषय में सम्भव नहीं है।
अब जिस प्रकार इन दोनों यवमध्योंका भिन्न-भिन्न स्थानपर प्रारम्भ होता है उस प्रकार बोचके प्रदेशमें भी क्या भेद है या नहीं है ऐसी पृच्छा होनेपर निःशंक करनेके लिए आगेके सूत्रका अवतार करते हैं
जिस प्रदेशमें समयप्रबद्धोंके निर्लेपनस्थानोंका यवमध्य होता है उसी प्रदेशमें भवबद्धके निर्लेपनस्थानोंका यवमध्य होता है।