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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे ६५१६. संपहि जहावसरपत्ताए विदियभासगाहाए अत्यविहासणमभवसिद्धियपाओग्गविसये कुणमाणो उवरिमं विहासागंथमाढवेइ
* विदियाए भासगाहाए अत्थो जहावसरपत्तो। ६५१७. विहासियव्यो ति वक्कसेसो । सेसं सुगम । * तं जहा। ६५१८. सुगमं।
* समयपबद्धसेसयमेकिस्से द्विदीए होज्ज, दोसु तीसु वा । उक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिमागेसु ।
६५१९. गयत्थमेदं सुत्तं, भवसिद्धियपाओग्गविसयपरूवणाए विहासियत्तादो। णवरि भवसिद्धियपाओग्गविसये उक्कस्सेण वासपुधत्तमेत्तट्टिदोसु समयपबद्धसेसयं जादं । एत्य पुण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागमेत्तट्टिदोसु समयपबद्धसेसयमुक्कस्सपक्खेण लब्भदि त्ति एसो एत्थतणो विसेसो सुत्तणिहिट्ठो दटुग्यो। एगसमयपबद्धसेसयं च पहाणीकरिय सुत्तमेदं पयर्ट्स। णाणासमयपबद्धसेसाणं पहाणत्ते जहण्णदो वि तेसिक्किरसे दिदीए अवटाणासंभवादो। संपहि एदेसि पलिदोवमस्स असंखेज्जविभागमेतदिदिविसेसाणं पिल्लेवणटाणेहितो थोवभावपदुप्पायणट. मुत्तरसुत्तमाहआधारसे सूचित करते हैं । जो प्रकृत भाष्यगाथाकी अपेक्षा घटित नहीं होती ऐसा यहां टोकाकारका अभिप्राय समझना चाहिए । शेष कथन टोकासे ही स्पष्ट है।
६५१६. अब यथावसरप्राप्त दूसरी भाष्यगाथाको अर्थविभाषा अभव्यसिद्धिकप्रायोग्य जीवोंके विषयों करते हुए आगेके विभाषाग्रन्थको आरम्भ करते हैं
* अब दूसरी भाष्यगाथाका अर्थ अवसरप्राप्त है।
$ ५१७. 'उसको विमाषा करनी चाहिए' इतना शेष वाक्य युक्त कर लेना चाहिए। शेष कथन सुमम है।
* वह जैसे। 5५१८. यह सूत्र सुगम है।
* समयप्रबद्धशेष एक स्थितिमें हो सकता है, दो या तीन स्थितियों में हो सकता है। इस प्रकार एक-एक अधिकके क्रमसे उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण स्थितियोंमें हो सकता है।
६५१९. यह सूत्र गतार्थ है, क्योंकि भवसिद्धिकप्रायोग्यविषयक प्ररूपणाके समय इसकी विभाषा कर आये हैं। इतनी विशेषता है कि भवसिद्धिकप्रायोग्य जीवोंके विषयमें उत्कृष्टसे वर्ष. पृथक्त्वप्रमाण स्थितियोंमें समयप्रबद्धशेष प्राप्त होता है । परन्तु यहाँपर अर्थात् अभव्योंमें पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण स्थितियोंमें समयप्रबद्धशेष उत्कृष्ट पक्षको अपेक्षा प्राप्त होता है इस प्रकार यह यहाँ सम्बन्धी विशेष सूत्र में निर्दिष्ट जानना चाहिए। किन्तु एक समयप्रबद्धशेषको प्रधान करके यह सूत्र प्रवृत्त हुआ है, क्योंकि नाना समयपबशेषोंकी प्रधानतामें जघन्यसे भी उनका एक स्थितिमें अवस्थान असम्भव है। अब पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण इन स्थिति विशेषों के निर्लेपनस्थानोंकी अपेक्षा अल्पबहुत्वका कथन करनेके लिए भागेका सूत्र कहते हैं