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खवगसेढोए अट्ठममूलगाहाए पढमभासगाहा
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* तं जहा। १४४७. सुगमं। * एकम्हि द्विदिविसेसे कदिण्डं समयपबद्धाणं सेसाणि होज्जासु ।
६४४८. एक्कम्हि द्विदिविसेसे गिद्धे किमेक्कस्स समयपबद्धस्स सेसयं होज, आहो दोण्हं तिण्हमेवं गत्तण संखेज्जाणमसंखेज्जाणं वा ति पुच्छा एदेण कवा होइ। संपहि एवंविहाए पुच्छाए णिण्णयविहाणट्ठमुवरिमो विहासागंथो
* एक्कस्स वा समयपबद्धस्स दोण्हं वा तिण्हं वा एवं गंतूण उक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिमागमेत्ताणं समयपबद्धाणं ।
६४४९. एदस्स सुत्तस्सत्यो बुच्चदे। तं जहा-एक्कम्हि टिदिविसेसे णिरुद्ध एगस्स समयपबद्धस्स एगपरमाणू सेसयं होदूण दीसइ। एवं दो-तिण्णिआदिकमेण जावुक्कस्सेण अणंता परमाणू एगसमयपवद्धपडिबद्धा सेसयं होदूण तम्हि टिदिविससे दोसंति। एवं विटुसव्वपरमाणू घेतूण एक्कस्स वा समयपबद्धस्स सेसयं होज्जति ति भणिदं। एवं दोण्हं वा समयपबद्धाणं सेसयाणि तम्हि दिदिविससे होदूण लन्भंति, तिण्हं वा समयपबद्धाणं सेसाणि तम्हि द्विविविसेसे लम्भंति । एवं गंतूण जावुक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागमेत्ताणं वा सययपबद्धाणं सेसयाणि तत्थेव होदूण दोसति । तत्तो अब्भहियाणं समयपबद्धाणं सेसयाणि एक्कम्हि दिदि
* वह जैसे। ६४४७. यह सूत्र सुगम है।
* एक स्थितिविशेषमें कितने समय प्रबद्धोंके कर्म परमाणु शेष होते हैं।
६४४८, एक स्थितिविशेषके विवक्षित होनेपर क्या एक समयप्रबद्धके कर्मपरमाणु शेष रहते हैं या दो, तीनसे लेकर संख्यात या असंख्यात समयप्रबद्धोंके कर्म परमाणु शेष रहते हैं इस प्रकार इस सूत्र द्वारा यह पृच्छा की गयी है। अब इस प्रकार की पृच्छाका निर्णय करनेके लिए आगेका विभाषा ग्रन्थ आया है
* एक समयप्रबद्धके या दो या तीन से लेकर उत्कृष्टसे पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण. समयप्रबद्धोंके कर्मपरमाणु शेष रहते हैं।
४४९. अब इस सूत्रका अर्थ कहते हैं। वह जैसे-एक स्थितिविशेषके विवक्षित होनेपर एक समयप्रबद्धका एक परमाणु शेष होकर दिखाई देता है। इसी प्रकार दो या तीनसे लेकर उत्कृष्टसे अनन्त परमाणु तक एक समयप्रबद्धसम्बन्धो परमाणु शेष होकर उस स्थितिविशेषमें दिखाई देते हैं। इस प्रकार दिखाई देनेवाले सब परमाणुओंको ग्रहण कर वे सब एक समयप्रबद्धके शेष होते हैं यह यहां कहा गया है। इसी प्रकार दो समयप्रबद्धोंके शेष कर्मपरमाणु उस स्थितिविशेषमें होकर प्राप्त होते हैं। अथवा तीन समयप्रबद्धोंके शेष कर्मपरमाणु उस स्थितिविशेषमें प्राप्त होते हैं। इस प्रकार जाकर उत्कृष्टसे पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण समयप्रबद्धोंके शेष कर्मपरमाणु उस स्थितिविशेषमें होकर दिखाई देते हैं। किन्तु इससे अधिक समयप्रबद्धोंके शेष कर्म परमाणु एक स्थितिविशेषमें सम्भव नहीं हैं, क्योंकि नाना स्थिति और एक स्थितिको विषय करनेवाले उत्कृष्टसे पत्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण निर्लेपित होनेवाले