________________
सवगसेढीए सत्तमी मूलगाहाए पढमभासगाहा
* अंतरादो कदादो तत्तो छसु आवलियासु गदासु तेण परं छण्हमावलियाणं समयपबद्धा उदये अछुद्धा भवंति ।
१५१
६४१०. जदो एस नियमो तदो अंतरसमत्तिसमणंतर समयप्पहूडि छसु आवलियास बोलीणास तत्तो परं सव्वत्थेव छण्हमावलियाणं जे समयपबद्धा ते णियमा उदये असंछुद्धा भवंति ति सुत्तत्य संगहो । संपहि एदस्स भावत्यो वुच्चवे । तं जहा - अंतरकदपढमसमए आवलियमेत्ता णवकबंध समयपबद्धा उदये अच्छुद्धा अस्थि । पुणो वि एत्तिया चेव अवट्टिदा होदूण गच्छति जाव अंतरकरण पढमसमयप्पहूडि आवलियमेत्तकालच रिमसमओ त्ति । तदो उवरिमेगेगसमयपबद्धो जहाकममहिओ होदूण विवियावलियमेत्तकाले वोलीणे तक्कालं दो आवलियमेत्ता समयपबद्धा उदये अच्छुद्धा भवंति । पुणो तत्तो पहुडि तेसिमुवरि एगेगो समयपबद्धो अहियो होदूण तदियावलियमेत्तकाले गवे तिण्हमावलियाणं समयपबद्धा अणुदीरिवा भवंति । पुणो वि तत्तो पहुडि चउत्थावलियमेत्तकाले समइच्छिदे ताधे चउण्हमावलियाणं समयपबद्धा उदोरणा पज्जायवि मुहा लब्भंति । पुणो तत्तो प्पहूडि पंचमावलियमेत्तकाले समइक्कंते ताधे पंचावलियमेत्तसमयबद्धा उदयम्मि अच्छुद्धा भवंति । पुणो तत्तो 'पहुडि आवलियमेत्तकाले वदिक्कते छण्हमावलियाणं समयपबद्धा उदयम्मि असंछुद्धसरूवा लब्भंति । एत्तो परं सव्वत्थ छआवलियमेत्ता समयपबद्धा अवट्टिवसरूवा उदए अच्छुद्धा भवंति । एदेण कारणेण अंतरकवपढमसमयप्पहूडि छसु आवलियासु गदासु तत्तो परं छण्हमावलियाणं समयपबद्धा नियमा उदए अछुद्धा भवंति त्ति सेससमयपबद्धा
* अन्तरकरण करनेके अनन्तर समयसे लेकर छह आवलियोंके व्यतीत होनेपर उसके बाद सर्वत्र ही छह आवलियों सम्बन्धी जो समयप्रबद्ध हैं वे उदयमें अक्षुब्ध होते हैं ।
$ ४१०. यतः यह नियम है, इसलिए अन्तरकरण क्रियाके सम्पन्न करनेके अनन्तर समयसे लेकर छह आवलियोंके व्यतोत होनेपर वहाँसे आगे सर्वत्र ही छह आवलियोंसम्बन्धी जो समयप्रबद्ध हैं वे नियमसे उदयमें असंक्षुब्ध होते हैं यह इस सूत्र का समुच्चयरूप अर्थ है । अब इस सूत्रका भावार्थ कहते हैं । वह जैसे—अन्तरकरण करने के अनन्तर प्रथम समय में एक आवलिप्रमाण नव कबन्ध समयप्रबद्ध उदय में अक्षुब्ध होते हैं । फिर भी इतने ही समयप्रबद्ध अवस्थित होकर अन्तरकरण करने के प्रथम समयसे लेकर एक आवलिप्रमाण कालके अन्तिम समय तक प्राप्त होते हैं। उससे आगे एक-एक समयप्रबद्ध क्रमसे अधिक होकर द्वितीय आवलिप्रमाण कालके व्यतीत होनेपर उस कालमें दो आवलिप्रमाण समय प्रबद्ध उदयमें असंक्षुब्ध होते हैं । पुनः वहाँसे लेकर उनके ऊपर एक-एक समयप्रबद्ध अधिक होकर तीसरी आवलिप्रमाण कालके जानेपर तोन आवलियों सम्बन्धी समयप्रबद्ध अनुदारित होते हैं । फिर भी वहांसे लेकर चार आवलिप्रमाण कालके व्यतीत होनेपर उस समय चार आवलियोंसम्बन्धी समयप्रबद्ध उदोरणापर्यायसे विमुख प्राप्त होते हैं । पुनः वहाँसे लेकर पांच आवलिप्रमाण कालके व्यतीत होनेपर उस समय पाँच आवलिप्रमाण समयप्रबद्ध उदयमें अक्षुब्ध होते हैं । पुनः वहाँसे लेकर आवलिप्रमाण कालके व्यतीत होनेपर छह आवलिसम्बन्धो समयप्रबद्ध उदयमें असंक्षुब्ध स्वरूप प्राप्त होते हैं । इससे आगे सर्वत्र छह आवलिप्रमाण समयप्रबद्ध यथास्थितिस्वरूप रहकर उदयमें अक्षुब्ध होते हैं । इस कारणसे अन्तरकरण करनेके बाद प्रथम समयसे लेकर छह आवलियोंके जानेपर उससे आगे छह आवलियोंसम्बन्धी समयप्रबद्ध नियमसे उदयमें अक्षब्ध होते हैं। शेष सभी समयप्रबद्ध उदयमें संक्षुब्ध होते हैं यह उक्त कथनका तात्पर्य है ।