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सव्वोवसामणाप्ररूपणा
पवंचेणपरूविदत्तादो । कथमेत्थ एगस्स कम्मपयडिपाहुडस्स कम्मपयडीसु त्ति बहुवयण णिद्देसो त्ति णासंकणिज्जं, एगस्स वि तस्स कदि-वेदयणादिअवंतरअहियारभेदावेक्खाए बहुवयणणिद्देसाविरोहादो ।
२०. संपहि सव्वकरणोवसामणाए सण्णाभेदपरूवणसुत्तरसुत्तमाह* जा सा सव्वकरणोवसामणा तिस्से वि दुवे णामाणि सव्वकरणोवसामणा त्ति वि पसत्थकरणोवमामणा त्ति वि।।
२१. एत्थ सव्वकरणोवसामणा त्ति पढमा सण्णा पुन्वमेव वक्खाणिदा । पसत्थकरणोवसामणा त्ति वि एसा सण्णा सप्पसिद्धत्था चेव, पसत्थयरकरणपरिणामणिवंधणाए तिस्से तव्ववएससिद्धीए पडिबंधाभावादो । संपहि एवमुवसामणाए अणेयमेयसंभवे तत्थ केण पयदमिच्चासंकाए णिरारेगीकरणमिदमाह* एदाए एत्थ पयदं ।
२२. एदाए अणंतरणिहिट्ठाए सव्वकरणोवसामणाए एत्थ कसायोवसामणापरूवणावसरे पयदमहिकयं दहव्वं, अकरणोवसामणाए देसकरणोवसामणाए च एत्थ पओजणाभावादो त्ति एसो एदस्स सुत्तस्स भावत्थो । एवमुवसामणा कदिविधा त्ति संज्ञा है । यह देशकरणोपशामना जाननी चाहिये, क्योंकि वहाँ इसका विस्तारके साथ प्रबन्धरूपसे प्ररूपण किया गया है।
शंका-कर्मप्रकृतिप्राभूत एक है उसका चूर्णिसूत्रमें 'कम्मपयडीसु' इस प्रकार बहुवचनरूपसे निर्देश कैसे किया गया है ?
समाधान-ऐसी आशंका नहीं करनी चाहिये, क्योंकि यद्यपि कर्मप्रकृतिप्राभूत एक है तो भी उसका कृति, वेदना आदि अवान्तर अधिकारोंके भेदोंकी विवक्षामें बहुवचननिर्देश करने में कोई विरोध नहीं आता।
२०. अब सर्वकरणोपशामनाके संज्ञाभेदोंका कथन करनेके लिये आगेका सूत्र कहते हैं
* जो वह सर्वकरणोपशामना है उसके दो नाम हैं-सर्वकरणोपशामना और प्रशस्तकरणोपशामना।
२१. यहाँ सर्वकरणोपशामना इस संज्ञाका पहले ही व्याख्यान कर आये हैं । तथा प्रशस्तकरणोपशामना यह संज्ञा भी प्रसिद्ध अर्थवाली ही है, क्योंकि यह प्रशस्त करणपरिणामोंके निमित्तसे होती है, इसलिये उसकी उक्त संज्ञाको सिद्धि में प्रतिबन्धका अभाव हैं। अब इस प्रकार उपशामनाके अनेक भेद सम्भव होनेपर उनमेंसे प्रकरणप्राप्त कौन है ऐसी आशंकाका निराकरण करनेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं
* यही यहाँ प्रकृत है।
२२. पूर्वमें जो सर्वोपशामनाका कथन कर आये हैं, यहाँ कषायोंकी उपशामनाकी प्ररूपणाके अवसर पर वही प्रकृत है अर्थात् अधिकृत है ऐसा यहाँ समझना चाहिये, क्योंकि अकरणोपशामना और देशकरणोपशामनाका यहां प्रयोजन नहीं है यह इस सूत्रका भावार्थ है। इस प्रकार 'उपशमना कितने प्रकारकी है' इस गाथाके प्रथम अवयवकी अर्थप्ररूपणा समाप्त हुई।