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________________ १५६ जयधवलासहिदे कसायपाहुडे * अण्णदरो मणजोगो, अण्णदरो वचिजोगो, ओरोलियकायजोगो वा। ___१४. एवमेसो णवविहो जोगपरिणामो एदस्स अण्णदरसरूवेण होइ; एत्तो अण्णेसिं जोगपरिणामाणमेत्थ संभवाणुवलंभादो। होउ णाम चउण्हं मणजोगाणमेत्थ संमवो; ज्झाणोवजोगाहिमुहेसु छदुमत्थेसु तदविरोहादो। कधं पुण वचिजोगभेदाणं चदुण्हमिह संभवो; उवसंहरिदासेसबहिरंगवावाराणं तप्पवृत्तिविरोहादो त्ति ? ण एस दोसो; अवत्तव्वसरूवेण वचिजोगपवुत्तीए झाणोवजुत्तेसु विप्पडिसेहाभावादो। एवमोरालियकायजोगस्स वि संभवो वत्तव्वो; तण्णिबंधणजीवपदेसपरिप्फंदस्स तत्थ संमवे विरोहाभावादो। * कसायेत्ति विहासा। ६ १५. सुगमं । * अण्णदरो कसायों। $ १६. कोह-माण-माया-लोहाणमण्णदरो कसायपरिणामो एदस्स होइ; अणियट्टिपज्जत्तेसु गुणट्ठाणेसु चउण्हमेदेसिं कसायाणं पवृत्तीए विरोहाभावादों। संपहि * इस जीवके कोई एक मनोयोग, कोई एक वचनयोग अथवा औदारिककाययोग होता है। ___$ १४. इस प्रकार इस जीवके प्रकृतमें इन नौ प्रकारके योगपरिणामोंमेंसे कोई एक योगपरिणाम होता है। शंका-चारों प्रकारके मनोयोगोंका यहां पर सम्भव होओ, क्योंकि ध्यानस्वरूप उपयोगके सन्मुख हुए छद्मस्थोंमें ध्यानके साथ मनोयोगके होनेका अविरोध है, परन्तु वचनयोगके चार भेद यहाँपर कैसे सम्भव हैं, क्योंकि जिन्होंने समस्त बाह्य व्यापार उपसंहृत कर लिया है उनके वचनयोगको प्रवृत्ति होनेमें विरोध आता है ? ___ समाधान-यह कोई दोष नहीं है, क्योंकि ध्यान में उपयुक्त हुए जीवोंमें अव्यक्त रूपसे वचनयोगकी प्रवृत्तिका निषेध नहीं है। इसी प्रकार औदारिक काययोग सम्भव है यह भी कहना चाहिये, क्योंकि औदारिककाययोगके निमित्तसे होनेवाले जीवप्रदेशोंके परिस्पन्दनके वहाँ होनेमें विरोधका अभाव है। * कषाय इस पदकी विभाषा। $ १५. यह सूत्र सुगम है। * कोई एक कषायपरिणाम होता है। ६ १६. इस जीवके क्रोध, मान, माया और लोभ इनमेंसे कोई एक कषायपरिणाम होता है, क्योंकि अनिवृत्तिकरण तकके गुणस्थानोंमें इन चारों कषायोंकी प्रवृत्तिमें विरोधका अभाव है। १. ता०प्रतौ वचिजोगो अण्णदरो ओरा-इति पाठः । २. ता प्रती पवुत्तिविरोहाभावादो इति पाठः ।
SR No.090226
Book TitleKasaypahudam Part 14
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages442
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size40 MB
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