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________________ उवसमसेढीए अप्पाबहुअपरूवणा * अपुव्वकरणस्स पढमसमए ठिदिबंधो संखेज्जगुणो । ९ ३६३ · कुदो ? अंतोकोडाको डीपमाणत्तादो । १४३ * पडिवदमाणयस्स अपुव्वकरणस्स चरिमसमए ठिदिबंधो संखेज्ज गुणो । $ ३६४ को गुणगारो ? दोरूवमेतो तप्पा ओग्गसंखेज्जरूवमेत्तो वा । * पडिवदमाणयस्स अपुव्वकरणस्स चरिमसमए ठिदिसंतकम्मं संखेज्जगुणं । $ ३६५. किं कारणं ? अंतोकोडा कोडिपमाणत्ताविसेसे वि सम्माइट्ठिम्मि बंघादो संतस्स संखेज्जगुणभावेणेव सब्बद्ध मवद्वाणदंसणादो । * पडिवदमाणयस्स अपुव्वकरणस्स पढमसमए ठिदिसंतकम्मं विसेसाहियं । $ ३६६. एवं भणिदे हेट्ठा ओदरमाणस्स ट्ठिदिखंडयघादो णत्थि तेण अधट्ठिदीए गलिदअंतोमुडुत्तमेतं पविसियूण विसेसाहियमेदं जादं, समयणापुब्वकरणद्धामेत्तीणं हिदीणमेत्थ पवेसदंसणादो । * पडिवदमाण यस्स अणियहिस्स चरिमसमए ठिदिसंतकम्मं विसेसाहियं । $ ३६७. केन्तियमेत्तेण ? एगट्ठि दिमेत्तेण । * अपूर्वकरण जीवके प्रथम समय में स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है । ६ ३६३. क्योंकि यह अन्तःकोड़ाकोड़ी प्रमाण है । * गिरनेवाले अपूर्वकरण जीवके अन्तिम समयमें स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है । ९ ३६४. शंका - गुणकार क्या है ? समाधान - दो अंकप्रमाण है अथवा तत्प्रायोग्य संख्यात अंकप्रमाण है । * गिरनेवाले अपूर्वकरण जीवके अन्तिम समयमें स्थितिसत्कर्म संख्यातगुणा है। $ ३६५. क्योंकि अन्तःकोड़ाकोड़ी प्रमाणपनेकी अपेक्षा विशेषता न होनेपर भी सम्यग्दृष्टि जीवके बन्धकी अपेक्षा सत्त्वके सर्वकालमें संख्यातगुणेरूपसे अवस्थान देखा जाता है । * गिरनेवाले अपूर्वकरण जीवके प्रथम समयमें स्थितिसत्कर्म विशेष अधिक है । $ ३६६. ऐसा कहनेपर नीचे उतरनेवाले जीवके स्थितिकाण्डकघात नहीं होता, इसलिए अधः स्थितिरूपसे गलित अन्तर्मुहूर्तप्रमाण स्थितियोंको प्रवेश कराकर यह सत्व विशेष अधिक हो जाता है, क्योंकि इस स्थानमें एक समय कम अपूर्वकरणके कालप्रमाण स्थितियोंका प्रवेश देखा जाता है । गिरनेवाले अनिवृत्तिकरण जीवके अन्तिम समयमें स्थितिसत्कर्म विशेष अधिक है । 8 $ ३६७. शंका - कितना अधिक है ?
SR No.090226
Book TitleKasaypahudam Part 14
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages442
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size40 MB
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