SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 183
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४२ जयधवलासहिदे कसायपाहुडे गुणो जादो । कुदो एवं णव्वदे ? एदम्हादो चेव सुत्तणिद्दे सादो । * जाओ ठिदीओ परिहाइदूण पलिदोवमहिदिगो बंधो जादो ताओ ठिदीओ संखेज्जगुणाओ। $ ३५९. एदाओ वि पलिदोवमस्स संखोजदिभागमेतीओ चेव, किंतु पुग्विन्लादो एदाओ संखेज्जगुणाओ । कुदो एदं णव्वदे ? एदम्हादो चेव सुत्तादो । * पलिदोवमं संखेज्जगुणं। . 5 ३६०. पलिदोवमस्स संखोज्जदिभागादो पुम्विन्लादो संपुण्णपलिदोवमस्सेदस्स संखज्जगुणत्तसिद्धीए विसंवादाभावादो । * अणियहिस्स पढमसमये हिदिषंधो संखेज्जगुणो। ६३६१. किं कारणं ? अणियट्टिकरणोबसामगस्स पढमसमए सागरोवमसदसदस्सपुधत्तमेत्तहिदिबंधोवलंभादो। * पडिवदमाणयस्स अणियधिस्स चरिमसमए ठिदिषंधो संखोज्ज गुणो। 5 ३६२. सुममं । पूर्वके कालसे संख्यातगुणा हो जाता है। शंका-यह किस प्रमाणसे जाना जाता है ? समाधान-सूत्रोक्त इसी निर्देशसे जाना जाता है। * जिन स्थितियोंको कम करके पन्योपमप्रमाण स्थितिबन्ध हो जाता है वे . स्थितियों संख्यातगुणी हैं। ६ ३५९. ये स्थितियां भी पल्योपमके संख्यातवें भागप्रमाण ही हैं, किन्तु पूर्वके स्थानसे ये संख्यातगुणी हैं। शंका--यह किस प्रमाणसे जाना जाता है ? समाधान-इसी सूत्रसे जाना जाता है। * पल्योपम संख्यातगुणा है। $ ३६०. पल्योपमके संख्यातवें भागप्रमाण पूर्वके स्थानसे सम्पूर्ण पल्योपमप्रमाण इस स्थानके संख्यातगुणे सिद्ध होनेमें विसंवादका अभाव है। ॐ अनिवृत्तिकरण जीवके प्रथम समयमें स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है । 5 ३६१. क्योंकि अनिवृत्तिकरण उपशामकके प्रथम समयमें लक्षपृथक्त्व सागरोपमप्रमाण स्थितिबन्ध पाया जाता है। ___* गिरनेवाले अनिवृत्तिकरण जीवके अन्तिम समयमें स्थितिबन्ध संख्यात 5 ३६२. यह सूत्र सुगम है।
SR No.090226
Book TitleKasaypahudam Part 14
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages442
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy