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जवधवलासहिदे कसायपाहुडे संखेज्जवस्सियडिदिबंधपारंभादो पुन्विन्लो एसो डिदिबंधो गहेयन्यो । सुगममण्णं ।
* पडिववमाणयस्स पढमो असंखेज्जवस्सहिदिगो बंथो धादिकम्माणमसंखेनगुणो।
$ ३५२. ओदरमाणयस्स अंतरपरूविदमुद्दे समंतोमुहुत्तेण अपाबेणेसो डिदिबंधो गहेयव्यो । सेसं सुगमं । ___ * उवसामगस्स णामागोववेदणीयाणं चरिमो असंखेजवस्सटिदिगो बंधो असंखेनगुणो।
३५३. सत्तणोकसायाणसुवसामणद्धार संखेज्जदिभागे जम्हि उसे एदेखि संखेज्जवस्सियट्ठिदिबंधपारंभो तत्तो अणंतरहेडिमडिदिबंधो एसो ति गहेयन्वो । सुगममण्णं ।
* पडिवदमाणगस्स गामागोववेदणीयाणं पढमो असंखेजबस्सहिदिगो बंधो असंखेज्जगुणो ।
३५४. एसो ओदरमाणयस्स अणंतरणिहिट्ठमुद्देसं थोवंतरेण ण पत्तस्स तदवत्थाए गहेयव्यो । सुगममण्णं ।।
* उवसामगस्स णामगोवाणं पलिदोवमस्स संखेज्जदिभागिओ पढमो द्विदिवंधो असंखेज्जगुणो।
समाधान-स्त्रीवेदके उपशामनाकालका संख्यातवां भाग जाकर संख्यात वर्षप्रमाण स्थितिबन्धके प्रारम्भ होनेके पहले इस स्थितिबन्धको ग्रहण करना चाहिये । अन्य कथन सुगम है।
* गिरनेवाले जीवके घातिकोका असंख्यात वर्षप्रमाण प्रथम स्थितिबन्ध असंख्यातगणा है।
६३५२. अनन्तर कहे गए स्थानको अन्तर्मुहूर्तकालके द्वारा नहीं प्राप्त करके उतरनेवाले जीवके इस स्थितिबन्धको ग्रहण करना चाहिये । शेष कथन सुगम है।
* उपशामक जीवके नाम, गोत्र और वेदनीयकर्मका असंख्यात वर्षप्रमाण अन्तिम स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा है।
६३५३. सात नोकषायोंके उपशामनाकालके संख्यातवें भागप्रमाण कालके जानेपर जिस स्थानमें इन कर्मोंके संख्यात वर्षप्रमाण स्थितिबन्धका प्रारम्भ होता है उससे अनन्तर अधस्तन यह स्थितिबन्ध है ऐसा यहाँ ग्रहण करना चाहिये । अन्य कथन सुगम है।
* गिरनेवाले जीवके नाम, गोत्र और वेदनीयकर्मका असंख्यात वर्षप्रमाण प्रथम स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा है।
६३५४. अनन्तर निर्दिष्ट स्थानको थोड़ेसे अन्तरके द्वारा नहीं प्राप्त हुए उतरनेवाले जीवके उस अवस्थामें इसे ग्रहण करना चाहिये । अन्य कथन सुगम है।।
* उपशामक जीवके नाम और गोत्रकर्मका पन्योपमके संख्यातवें भागप्रमाण प्रथम स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा है ।