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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [ उवजोगो ७ ओगद्दारे पडिबद्धाओ, णाण्णाओ त्ति जाणावणटुं। संपहि एदस्सेव फुडीकरणट्ठमिदमाह
* एदाहो सत्त गाहाओ।
$ १७. उवजोगाणिओगद्दारे पडिबद्धाओ त्ति भणिदं होइ । संपहि जहाकममेदेसिं गाहासुत्ताणमत्थविहासणं कुणमाणो चुण्णिसुत्तयारो उवरिमं पबंधमाह
* एदासिं विहासा कायव्वा ।
। १८. का विहासा णाम ? गाहासुत्तसूचिदस्स अत्थस्स विसेसियूण भासणं विहासा विवरणमिदि वुत्तं होइ ।
___ * 'केवचिरं उवजोगो कम्हि कसायम्हि' त्ति एदस्स पवस्स अत्थो अद्धापरिमाणं।
$१९. अद्धा कालो, तस्स परिमाणं पमाणावच्छेदो एदस्स पदस्स अत्थो होइ । किं कारणं ? कियच्चिरमुपयोगः कस्मिन् कषाये भवत्येकस्य जीवस्येति प्रश्नार्थावलंबनात् ।
* तं जहा।
$२०. तमद्धापरिमाणं 'जहा' कथं होदि त्ति पुच्छा कदा भवदि । एवं पुच्छाविसयीकयस्स अद्धापरिमाणस्स ओषणिद्देसो ताव कीरदेबातका ज्ञान करानेके लिए गाथासूत्रोंके अन्तमें सात संख्याका विन्यास किया है। अब इसीका स्पष्टीकरण करनेके लिए यह चूर्णिसूत्र कहा है
* ये सात गाथाएं हैं।
$ १७. उपयोग अनुयोगद्वार में प्रतिबद्ध हैं यह उक्त कथनका तात्पर्य है । अब यथाक्रम इन गाथासूत्रोंके अर्थका विशेष व्याख्यान करते हुए चूर्णिसूत्रकारने आगेका प्रबन्ध कहा
* इनकी विभाषा करनी चाहिए। $ १८. शंका-विभाषा किसे कहते हैं ?
समाधान-गाथासूत्रोंके द्वारा सूचित हुए अर्थका विशेषरूपसे भाषण करनेको विभाषा कहते हैं । विभाषाका अर्थ विवरण है यह उक्त कथनका तात्पर्य है।
* किस कषायमें कितने काल तक उपयोग रहता है इस पदका अर्थ अद्धापरिमाण है।
. १९. अद्धा शब्द कालवाची है। उसका परिमाण अर्थात् प्रमाणावच्छेद इस पदका अर्थ है, क्योंकि किस कषायमें एक जीवका कितने काल तक उपयोग रहता है इस प्रश्नके अर्थका अवलम्बन लिया गया है।
* वह कैसे ?
$२०. वह अद्धापरिमाण 'जहा' कैसे होता है इस प्रकार पृच्छा की गई है। इस प्रकार पृच्छाके विषय हुए अद्धापरिमाणका ओघसे निर्देश सर्व प्रथम करते हैं