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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [ उवजोगो७ कोह-माया-लोभेसु परिणमणसंभवे विरोहाणुवलंभादो । सुगममण्णं । एवमेसो णवविहो कालो, पुव्वुत्तो दुविहो माणकालो, एवमेदे घेत्तूण वट्टमाण-समयकोहोवजुत्तजीवरासिस्स एकारसविहो कालो होदि ति पयदत्थोवसंहारवक्कमुत्तरं
* एवं कोहोवजुत्ताणमेकारसविहो कालो विदिक्कतो ।
$ २०९. सुगमं । संपहि वट्टमाणसमयमायोवजुत्ताणमदीदकालमस्सियूण कदविघो कालो संभवदि त्ति पुच्छाए णिच्छयकरणट्ठमुवरिमो पबंधो
जे अस्सिं समए मायोवजुत्ता तेसिं तीदे काले माणकालो दुविहो, कोहकालो दुविहो, मायाकालो तिविहो, लोभकालो तिविहो ।
२१०. कुदो ताव कोह-माणकालाणमेत्थ दुविहत्तणियमो ? वट्टमाणसमयमायोवजुत्तजीवरासिस्स कोह-माणजीवरासीहितो अद्धामाहप्पेण विसेसाहियत्तदंसणादो। तम्हा णिरुद्धजीवरासिस्स माणकालो कोहकालो च णत्थि । णोमोह-णोकोह-मिस्सकालाणं चेव तत्थ संभवो त्ति सिद्धं । माया-लोभकसाएसु पुण तिविहकालसंभवो ण विरुज्झदे, णिरुद्धजीवरासिस्स तत्थ सव्वप्पणा उवसंहारसंभवादो । तम्हा एत्थ सव्व
अतीतकालमें एक साथ पूरी तरहसे क्रोध, माया और लोभरूपसे परिणमन सम्भव है, इसमें कोई विरोध नहीं आता । शेष कथन सुगम है । इस प्रकार यह नौ प्रकारका काल तथा पूर्वोक्त दो प्रकारका मानकाल इस प्रकार इनको ग्रहणकर वर्तमान समयमें क्रोधमें उपयुक्त हुई जीवराशिका ग्यारह प्रकारका काल होता है। इस प्रकृत अर्थका उपसंहार करनेवाले आगेके सूत्रवचनको कहते हैं
* इस प्रकार क्रोधकषायमें उपयुक्त जीवोंका ग्यारह प्रकारका काल व्यतीत हुआ।
६२०९. यह सूत्रवचन सुगम है। अब वर्तमान समयमें मायाकषायमें उपयुक्त हुए जीवोंका अतीतकालकी अपेक्षा कितने प्रकारका काल सम्भव है ऐसी पृच्छा होनेपर निश्चय करनेके लिए आगेका सूत्रप्रबन्ध कहते हैं
* जो वर्तमान समयमें मायाकषायमें उपयुक्त हैं उनके अतीतकालमें मानकाल दो प्रकारका, क्रोधकाल दो प्रकारका, मायाकाल तीन प्रकारका और लोभकाल तीन प्रकारका होता है।
$ २१०. शंका-यहाँ क्रोधकाल और मानकालके द्विविधपनेका नियम किस कारणसे है ?
समाधान-क्योंकि वर्तमान समयमें मायाकषायमें उपयुक्त हुई जीवराशिका कालके माहात्म्यवश क्रोध और मानभावसे परिणत हुई जीवराशिकी अपेक्षा विशेष अधिकपना देखा जाता है, इसलिए विवक्षित जीवराशिका मानकाल और क्रोधकाल नहीं है। वहाँ नोमान, नोक्रोध और मिश्रकाल ही सम्भव है यह सिद्ध हुआ। माया और लोभकषायोंमें तो तीनों प्रकारके कालोंका सम्भव विरोधको नहीं प्राप्त होता, क्योंकि विवक्षित जीवराशिका उनमें