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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे
[ उवजोगो ७ पवाइजदे पण्णविज्जदे सो पवाइज्जंतोवएसो त्ति भण्णदे । अथवा अञ्जमंखुभयवंताणमुवएसो एत्थापवाइजमाणो णाम । णागहत्थिखवणाणमुवएसो पवाइजंतओ त्ति घेत्तव्यो।
* 'एक्कम्मि दु अणुभागे त्तिः जं कसायउदयहाणं सो अणुभागो
णाम ।
$ १५४. एतदुक्तं भवति, पुबिल्लपरूवणाए जो कसायो सो चेवाणुभागो त्ति विवक्खियं, कजकारणाणमन्वदिरेगणयावलंबणादो कज्जे कारणोवयारादो च । एत्थ वुण अण्णो कसायो अण्णो च अणुभागो त्ति विवक्खियं, कज्ज-कारणाणं भेदणयावलंबणादो । ण च कजं चेव कारणं होइ, विप्पडिसेहादो। तदो एवंविहाहिप्पाएण पयट्टा एसा परूवणा त्ति घेत्तव्वं । संपहि सुत्तत्थविवरणं कस्सामो । 'एकम्हि दु अणुभागे त्ति' एदेण गाहासुत्तावयवमिदि सद्दपरं परामरसिय तदो जं कसायउदयट्ठाणं सो अणुभागो त्ति तस्स अत्थणिदेसो कओ। ण कसायो चेवाणुभागो, किंतु जं कसायमुदयट्ठाणमसंखेजलोगभेयभिण्णं तमेत्थाणुभागो त्ति विवक्खियमिदि एसो एदस्स भावत्थो। ___* 'एगकालेणे त्ति' कसायोवजोगद्धट्ठाणे त्ति भणिदं होदि ।
सम्प्रदाय क्रमसे चला आ रहा है, और जो शिष्य परम्पराके द्वारा प्रवाहित किया जाता है प्रज्ञापित किया जाता है वह प्रवाह्यमान उपदेश कहा जाता है। अथवा आयमक्ष भगवानका उपदेश प्रकृतमें अप्रवाह्यमान उपदेश है और नागहस्तिक्षमाश्रमणका उपदेश प्रवाह्यमान उपदेश है ऐसा यहाँ ग्रहण करना चाहिए। ___* 'एक अनुभागमें' यहाँपर जो कषाय उदयस्थान है उसकी अनुभाग संज्ञा है।
$ १५४. इसका यह तात्पर्य है कि पिछली प्ररूपणामें जो कषाय है वही अनुभाग है ऐसी विवक्षा की थी, क्योंकि वहाँ कार्य और कारणमें अभेदनयका अवलम्बन लिया गया था और कार्यमें कारणका उपचार किया गया था। परन्तु यहाँ पर कषाय अन्य है और अनुभाग अन्य है यह विवक्षा की गई है, क्योंकि यहाँ कार्य और कारणमें भेदविवक्षाका अवलम्बन लिया गया है । और कार्य ही कारण नहीं होता, क्योंकि इन दोनों के एक होनेका निषेध है । इसलिए इस प्रकारके अभिप्रायसे यह प्ररूपणा प्रवृत्त हुई है ऐसा यहाँ ग्रहण करना चाहिए । अब सूत्रके अर्थका विवरण करते हैं—'एकम्हि दु अणुभागे' इस वचन द्वारा गाथा सूत्रके अंशके शब्दार्थका परामर्श करके तदनुसार जो कषाय-उदयस्थान है वह अनुभाग है इस प्रकार उसका अर्थनिदेश किया। कषाय ही अनुभाग नहीं है किन्तु असंख्यात लोकप्रमाण भेदोंको लिये हुए जो कपाय-उदयस्थान है वह यहाँ पर अनुभाग है ऐसी विवक्षा की है यह इस सूत्रका भावार्थ है।
* 'एगकालेण' इस पदका अर्थ कषायोपयोगाद्धास्थान है ऐसा कहा गया है।