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________________ गम०५८] उत्तरपयडिपदेससंकमे भजगारो पडिल भपढमावलियाए विदियसमयम्मि लद्धमंतरं कायव्वं । एवमुक्कस्सेणुवढपोग्गलपरियट्टमेत्तंतरपरूवणाए वि जाणिय वत्तव्यं ।। ॐ अवत्तव्वसंकामयंतरं केवचिरं कालादो होदि ? ६४३२. सुगमं । ॐ जहपणेणंतोमुहुत्तं । ६४३३. सम्माइटिपढमसमए आदि कादण विदियादिसमएसु अंतरियसव्वलहुं मिच्छत्तं गंतूण पडिणियत्तिय पडिवण्णतब्भावम्भितटुवलद्धीदो। * उक्कस्सेण उवड्डुपोग्गलपरियह।। ६४३४. पढमसम्मत्तग्गहणपढमसमए लद्धप्पसरूवस्सावत्तव्यसंकमस्स पुणो मिच्छत्तं गंतूण सबुक्कस्सेणंतरेण सम्मत्तं पडिवण्णस्स पढमसमए लद्धमंतरमेत्थ कायव्वं । ॐ सम्मत्तस्स भुजगारसंकामयंतरं केवचिरं कालादो होदि ? ६४३५. सुगम । ॐ जहपणेण पलिदोवमस्सासंखेजविभागो। ६४३६. तं जहा-चरिमुव्वेलणकंडयम्मि गुणसंकमेण पयदसंकमस्सादि करिय तदणंतरसमए सम्मत्तमुप्पाइय असंकामगो होदूर्णतरिय सबलहुं गंतूण सव्वजहण्णुव्वेल्लणइसी प्रकार इनके उपार्ध पुद्गल परिवर्तन प्रमाण उत्कृष्ट अन्तर कालकी प्ररूपणा भी जानकर करनी चाहिए। * अवक्तव्यसंक्रामकका अन्तरकाल कितना है ? ६४३२. यह सूत्र सुगम है। * जघन्य अन्तरकाल अन्तर्मुहूर्तप्रमाण है । ६४३३. क्योंकि सम्यग्दृष्टिके प्रथम समयमें उसका प्रारम्भ करके तथा द्वितीयादि समयों में अन्तर करके अतिशीघ्र मिथ्यात्वमें जाकर और लौटकर पुनः अवक्तव्य संक्रमके प्राप्त होने पर उक्त अन्तरकान प्राप्त होता है। * उत्कृष्ट अन्तरकाल उपाधं पुद्गल परिवर्तन प्रमाण है। ६४३४. प्रथम सम्यक्त्वग्रहणके प्रथम समयमें अवक्तव्यसंक्रमका स्वरूप लाभ किया । पुनः मिथ्यात्वमें जाकर और सबसे उत्कृष्ट कालतक यहाँ रहकर सम्यक्त्वको प्राप्त कर अवक्तव्यसंक्रम किया । इस प्रकार यहाँ अवक्तव्यसंक्रमका उत्कृष्ट अन्तरकाल प्राप्त कर लेना चाहिए । * सम्यक्त्वके भुजगार संक्रामकका अन्तरकाल कितना है ? ६४३५. यह सूत्र सुगम है। * जघन्य अन्तरकाल पन्यके असंख्यातवें भागप्रमाण है। ६४३६. यथा-अन्तिम उद्वेलनाकाण्डकमें गुणसंक्रमके द्वारा प्रकृत संक्रमका प्रारम्भ करके उसके अनन्तर समयमें सम्यक्त्वको उत्पन्न कर असंक्रामक होकर और उसका अन्तर
SR No.090221
Book TitleKasaypahudam Part 09
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size19 MB
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