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________________ 80/ जैन समाज का वृहद् इतिहास डीमापुर जैन मंदिर में फर्श, स्कूल में कमरा अपने ग्राम छापड़ा में प्याऊ एवं कबूतर खाना, मृत्यु के पूर्व आपने अपनी संपत्ति का ट्रस्ट बनाया जिसके द्वारा छापड़ा में प्याऊ एवं कबूतर खाने का संचालन होता है । श्रीमहावीर धर्मशाला में पावापुरी धर्मशाला में तथा छापड़ा के स्कूल में कमरे का निर्माण करवाने का यशस्वी कार्य किया। यात्रा पर जाते रहते थे । आपने श्री त्रिलोकचन्द सेठी को गोद लिया, जो अलग रहते हैं । स्व. श्री डूंगरमल सरावगी पांड्या I गौहाटी की प्रसिद्ध फर्म छगनमल सरावगी एंड सन्स के मैनेजिंग पार्टनर श्री डूंगरमल सरावगी सुजानगढ़ से सन् 1956 में गोहाटी आकर रहने लगे । उनका जन्म 17 दिसम्बर 1920 को स्व. छगनमल जी के यहां हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करके वे व्यवसाय में लग गये। श्रीमती उमरावदेवी के साथ आपका विवाह हुआ। आपके चार पुत्र एवं एक पुत्री हुई सबसे बड़े पुत्र श्री सुरेशकुमार 47 वर्षीय युवा व्यवसायी हैं। आपको धर्मपत्नी श्रीमती किरणदेवी हैं । उनको एक पुत्र एवं दो पुत्रियों की मां बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दूसरे पुत्र श्री पन्नालाल बी. कॉम हैं । सरोजदेवी आपकी धर्मपत्नी है उनके दो पुत्रियां हैं। तीसरे पुत्र श्री पद्मचन्द हैं। आप भी बी कॉम, हैं : श्रीमती मनोरमा आपको धर्मपत्नी है। जो दो बच्चों की मां है। चतुर्थ पुत्र श्री मक्खन लाल हैं जो 35 वर्षीय हैं तथा बी.कॉम. हैं। आपकी धर्मपत्नी रेखा है जिनको तीन पुत्रियां प्राप्त हैं। आपकी एक मात्र पुत्री श्रीमती सुशीला का विवाह बंगलौर हो चका ' सामाजिक सेवायें । स्व. श्री डूंगरमल जी पांड्या सुजानगढ़ दि. जैन पंचायत के वर्षों तक अध्यक्ष रहे । सुजानगढ़ की सभी शिक्षण संस्थाओं के संरक्षक एवं चूरू जिला स्काउट्स एसोसियेशन के अध्यक्ष रहे। आचार्य विमलसागर जी महाराज के आप अनन्य भक्त थे तथा 27-28 वर्ष पूर्व आचार्य श्री का चातुर्मास भी आपने ही करवाया था। खारूपेटिया पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की सम्पूर्ण व्यवस्था आप ही के पास थी । सम्मेदशिखर जी एवं श्री महावीर जी में वेदी निर्माण करवाया। पांड्याजी कट्टर मुनिभक्त थे। स्वभाव से उदार, परोपकारी तथा सभी जाति एवं धर्म के लोगों की सहायता करते थे। 66 वर्ष की अवस्था में दि. 29.12.86 को गौहाटी में निधन हो गया । उनके निधन से समाज ने अपना हितैषी खो दिया। उनके चारों ही पुत्र योग्य है तथा अपने पिताश्री के पद चिन्हों पर चलने वाले हैं। स्व. श्री नेमीचन्द जी सरावगी पांड्या आसाम के सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्री सेठ नेमीचन्द जी सरावगी पांड्या एक साधन सम्पन्न धर्मपरायण व्यक्ति थे । आप लाडनूं (राज) के मूल निवासी थे लेकिन वर्षों से आप गौहाटी में एयर आसाम के प्रमुख संचालक के रूप में पेट्रोलियम, चाय एवं जूट का व्यापार करते रहे। आपका जन्म 1926 में लाडनूं (राजस्थान) में हुआ था। स्कूली अध्ययन की समाप्ति के उपरान्त आजीविका के सिलसिले में आप गोहाटी आ बसे । समाज सेवा की ओर प्रारम्भ से ही लक्ष्य रहा। दिगम्बर जैन पंचायत गौहाटी के सेक्रेट्री की हैसियत
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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