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________________ पूर्वाचल प्रदेश का जैन समाज/79 गौहाटी विश्वविद्यालय के निर्माण में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया । स्व.लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई के अध्यक्ष काल में वे गौहाटी विश्वविद्यालय के संयुक्त कोषाध्यक्ष रहे । उन्होंने गौहाटी,सिलचर, शिलांग तथा असम के अन्य महत्वपूर्ण कस्बों में कांग्रेस भवन बनाने में दिल खोलकर आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती भंवरी देवी के नाम पर गौहाटी में मूक-बधिरों का स्कूल स्थापित किया जो सारे असम प्रान्त में अपने दंग की एक मात्र संस्था है। डॉ.बी.बरुआ कैन्सर इन्स्टीट्यूट, गौहाटी कुष्ठ रोग चिकित्सालय,यक्षमा चिकित्सालय शिलांग,वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली,गुरुकुल कुम्भोज बाहुबली (महाराष्ट्र) मिर्जा कॉलेज,बोको कॉलेज,मंगदई कॉलेज,कामाख्या स्कूल, मलईगांव सेवा आश्रम तथा विभिन्न स्थानों पर चल रहे मारवाड़ी विद्यालय आदि कुछ संस्थायें हैं जिनकी स्थापना तथा बाद में संचालन में श्री सरावगी जी का उल्लेखनीय योगदान रहा। आपने सुजानगढ़ में एक सार्वजनिक स्कूल की स्थापना की थी तथा गौहाटी में एक मोन्टेसरी स्कूल भा स्थापित किया । समाज के श्रावक तथा विद्वतवर्ग ने उन्हें समय-समय पर जनरल,धर्मवीर,दानवीर,श्रावक शिरोमणि तथा मुनिसंघ भक्त दिवाकर आदि उपाधियों से सम्मानित किया है। आपकी गुरु भक्ति श्लाघनीय और अनुकरणीय थी। श्री सरावगी जी मंदिरों के निर्माण,मानस्तम्भों की स्थापना तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में श्रद्धापूर्वक भाग लेते थे। गौहार्टी,मरसलगंज तथा शांतिवीर नगर,श्री महावीर जी में सम्पन्न पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सवों में आपने मुक्तहस्त से सहयोग किया था। सुजानगढ़ में मानस्तम्भ का निर्माण कराया तथा शान्तिवीर नगर (श्री महावीर जी) में 61 फीट ऊंचे संगमरमर के मानस्तम्भ का निर्माण कराया। श्री सरावगीजी अ.भा दि.जैन महासभा की सहायता वर्षों तक करते रहे तथा अपनी सेवाओं के कारण एक कीर्तिमान स्थापित किया। आपके तीन पुत्र सर्व श्री गणतराय जी,रतनलाल जी व भागचन्द जी है तथा पांच पुत्रियां है । सभी पुत्र सुयोग्य, सुसंस्कृत तथा व्यापार की देखभाल करते हैं। स्व. श्री जेठमल सेठी डीमापुर के स्व. जेठमलसेठी का जन्म सन् 1900 में एवं निधन दि. 10 जून, 1982 को हुआ। आपके पिता श्री हरदेव जी सेठी व माताजी जडावदेवी दोनों ही धार्मिक स्वभाव के थे। जेठमल जी सेठी का विवाह गुलाबबाई के साथ हुआ था। बाईजी बेरी के नेतराम जी काला की बहिन थी । उनका स्वर्गवास सन् 1950 में ही हो गया था। आपके तीन पुत्रियां हुई। सोनी देवी का विवाह भिण्ड निवासी श्री बंशीलाल जी गंगवाल के साथ संपन्न हुआ। दूसरी पुत्री रामप्यारी गोहाटी के स्व. गंभीरमल जी के साथ विवाहित हुई। तीसरी पुत्री गुणमाला का विवाह विजयनगर के श्रीपाल जी अजमेरा के साथ संपन्न हुआ। विशेष - सेठी जी सामाजिक व्यक्ति थे । वे डीमापुर जैन समाज के सभापति रहे.चैम्बर ऑफ कॉमर्स डीमापुर के ट्रस्टी रहे। एक बार कोहिमा मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष रहे । मंदिर पंचायत के सभापति, सामाजिक कार्यकर्ता एवं सभी संस्थाओं से संबंधित रहे । दान देने में वे बहुत उदार थे।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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