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________________ 78/ जैन समाज का वृहद इतिहास सुप्रसिद्ध समाजसेवी, उद्योगपति एवं डीमापुर जैन समाज के अग्रणी मान्य नेता श्रीमान् किशनलाल सेठी का बुधवार दिनांक 5 फरवरी 1986 को प्रातः 1 बजकर 55 मिनट पर उनके डीमापुर निवास स्थान पर निधन हो गया। वे 61 वर्ष के थे। वे कर्मठ कार्यकर्ता, मिलनसार एवं सभी के दुःख-सुख में सच्चे साथी थे। वे स्वभाव से ही धर्मपरायण एवं दानप्रिय व्यक्ति थे । अपने डीमापुर निवास स्थान में श्री जिन चैत्यालय की स्थापना आपकी धार्मिक श्रद्धा का परिचायक है। धर्मानुरागी श्री किशनलाल जी सेठी भगवान महावीर 25000 वाँ निर्वाण महोत्सव समिति नागालैण्ड शाखा के मंत्री पूज्य आर्यिका इन्दुमती माताजी संघ के स्थानीय 1976 को संचालन समिति के अध्यक्ष एवं वीर विकास मंडल समिति डीमापुर के संरक्षक रहे हैं। अखिल भारतवर्षीय श्री दिगम्बर जैन महासभा के आप सन् 1968 से कार्यकारिणी सदस्य थे । आपका स्थानीय जैन संस्थाओं एवं अन्य कई संस्थाओं से पूरा संबंध था। आप कोहिमा के श्री दि. जैन मंदिर के मंत्री, डीमापुर के श्री दि. जैन हाई स्कूल के मंत्री तथा भ. महावीर चेरीटेबल दातत्र्य औषधालय के संस्थापक एवं ट्रस्टी थे । आप डीमापुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक एवं मरण पर्यन्त महामंत्री रहे । आप डीमापुर कॉलेज एवं डीमापुर क्लब के संस्थापक रहे। आप डीमापुर टाऊन कमेटी में दो कार्यकाल के लिये निर्वाचित सदस्य रहे । स्थानीय श्री दुर्गा मंदिर के आप ट्रस्टी एवं हिन्दु श्मशान घाट के संस्थापक एवं मंत्री रहे थे। आपके निधन पर पचासों संस्थाओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी। डीमापुर प्रवास में लेखक को भी उनके निवास पर जाने का अवसर मिला था । योगदान : स्थानीय श्री दिगम्बर जैन हाई स्कूल में पुस्तकालय कक्ष, कुंआ एवं एक कमरे का निर्माण, श्री दिगम्बर जैन भवन में एक कमरे का निर्माण तथा श्री गिरनार जी निर्वाण क्षेत्र पर पूज्य श्री निर्मल सागर जी महाराज की प्रेरणा से अहिंसा केन्द्र मैं एक कक्ष का निर्माण आपकी दानप्रियता के ज्वलन्त उदाहरण हैं। इसके अलावा हाल ही में स्थानीय श्री दिगम्बर जैन हाईस्कूल की द्वितीय मंजिल का निर्माण कार्य भी आपके सौजन्य से हो रहा है। विभिन्न धार्मिक क्षेत्रों एवं संस्थाओं को भी समय-समय पर आपने सहायता प्रदान की है। आपने सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक एवं मानव कल्याण के लिये रचनात्मक कार्य किये हैं। आपके छोटे भाई प्रकाशचन्द सेठी हैं। आयु 45 वर्ष है। धर्मपत्नी मनोरमा देवी है। आपके पांच लड़कियां एवं एक लड़का है । पता: चुन्नीलाल किशनलाल सेठी अमर रोलर फ्लोर मिल, डीमापुर दानवीर सेठ चांदमल सरावगी मरुप्रदेश (राजस्थान) के लालगढ़ कस्बे में श्री मूलचंद जी पाण्ड्या के घर मातुश्री जंवरीबाई की कुक्षी से 3 जनवरी, 1912 को सेट चांदमल जी का जन्म हुआ था। श्री सरावगीजी का बचपन तथा छात्र काल कलकत्ता में बीता, जहाँ के विश्वविद्यालय से उन्होंने 1930 में "मेट्रिक्यूलेशन" किया। स्कूल जीवन में ही छात्र आन्दोलनों में भाग लेने लगे और ब्रिटिश झण्डे यूनियन जैक का अपमान करने पर गिरफ्तार किये गये। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद श्री सरावगी जी ने तत्कालीन विख्यात फर्म सालिगराम राय चुनीलाल बहादुर एण्ड कम्पनी में व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया और अल्पकाल में ही उसके मैनेजिंग पार्टनर तथा गौहाटी डिवीजन के प्रबंधक बन गये। श्री सरावगी जी ने धर्म तथा समाज के कार्यों में आस्था और रुचि रखते हुये अपने उद्यम से खूब धनोपार्जन किया और उनकी गणना असम के प्रमुख उद्योगपतियों मे होने लगी ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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